शिवसेना नेता संजय राउत और बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत की बीच शुरू हुआ विवाद कंगना के मुंबई स्थित ऑफिस तोड़ने तक पहुंच गया है. बीएमसी ने मंगलवार सुबह कंगना के ऑफिस को सील कर दिया और उसमें अवैध निर्माण की बात कही. इस पर कंगना रनौत के वकील ने इसे गैरकानूनी बताया है. उन्होंने बीएमसी के नोटिस पर भी सवाल उठाए हैं. कंगना के वकील रिजवान सिद्दी ने एबीपी न्यूज से खास बातचीत की.


रिजवान ने कहा कि उनकी क्लायंट कंगना की अनुपस्थिति में बंगले में मुम्बई महनगर पालिका (बीएमसी) के कर्मचारी जबरन घुस गये, जो कि कानूनन गलत है और इसलिए कंगना की तरफ से बीएमसी के खिलाफ ट्रेसपासिंग व जवाबी कार्रवाई का नोटिस जारी किया गया है, जिसके तहत बीएमसी के कर्मचारियों को जेल की सजा हो सकती है.


गलत और अवैध नोटिस चिपकाया


वकील ने कहा कि बीएमसी द्वारा 'स्टॉप वर्क' (निर्माण कार्य रोको) के तहत जो नोटिस गेट पर चिपकाया गया है, वह अपने आप में गलत है, अवैध है. वहां किसी तरह का कोई निर्माण काम चल ही नहीं रहा था, तो 'स्टॉप वर्क' का नोटिस किस आधार पर दिया गया है? उन्होंने सवाल उठाया कि बीएमसी ने बंगले में बदलाव/निर्माण की बात कही है, तो ऐसे में कानूनन उन्हें 7 दिन में जवाब देनेवाला नोटिस जारी करना चाहिए था, न कि एक दिन का. यहां पर जानबूझकर कंगना को परेशान करने के लिए ऐसा किया गया है.


बीएमसी को साबित करना होगा दावा


रिजवान सिद्दीकी ने कहा कि कंगना के बांद्रा स्थित रेसीडेंट/ऑफिस में किसी तरह का काम नहीं चल रहा है और ऐसे में‌ बीएमसी द्वारा हड़बड़ी में नोटिस जारी किया गया है. बीएमसी का दावा है कि बंगले में बदलाव किये गये हैं. इस वक्त निर्माण कार्य चलने और बंगले में बदलाव करने का बीएमसी का दावा है, बीएमसी को दोनों बातें साबित करनी होंगी.


बदले की भावना में कार्रवाई


बीएमसी द्वारा कोर्ट में केविएट दाखिल किये जाने के लिए भी रिजवान ने बीएमसी की आलोचना की. रिजवान ने कहा कि बीएमसी की पूरी कार्रवाई कंगना और महाराष्ट्र सरकार के बीच चल रही तनातनी के बीच बदले की भावना से की गई कार्रवाई है, जो कि निंदनीय है.


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