Celebs Reaction On Emergency Ban: कंगना रनौत की अपकमिंग फिल्म 'इमरजेंसी' रिलीज से पहले विवादों में घिर गई है. शिरोमणि अकाली दल ने सीबीएफसी को कानूनी नोटिस भेजकर 'इमरजेंसी' को दिए गए सर्टिफिकेशन को रद्द करने और फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है. वहीं अब 'इमरजेंसी' को लेकर उठ रही बैन की मांग पर कई सेलेब्स ने रिएक्ट किया है और अपनी-अपनी राय दी है.


एनएनआई से बात करते हुए भोजपुरी एक्ट्रेस संभावना सेठ ने भी 'इमरजेंसी' को लेकर अपनी राय दी. उन्होंने कहा- 'धमकियां तो आती रहती हैं, जाती रहती है. धमकी होती ही सिर्फ देने के लिए है उसे मानना नहीं है. मुझे लगता है फिल्म तो रिलीज होनी ही है. कई बार तो ये पब्लिसिटी का तरीका भी लगता है. मैं लंबे वक्त बाद कंगना को इस रूप में देखना चाहती हूं. बहुत टाइम से उसकी फिल्में नहीं चलीं. पर्सनली मैं कंगना को बहुत पसंद करती हूं. तो मैं इमरजेंसी फिल्म देखना चाहूंगी.'






हर किसी को विरोध करने का अधिकार- रजा मुराद
एक्टर और बीजेपी सांसद रजा मुराद ने कहा- 'कंगना रनौत की फिल्म इमरजेंसी रिलीज से पहले ही विवादों में है. इसके ट्रेलर से एक वर्ग आहत हुआ है और वो इसका विरोध कर रहा है. हर किसी को विरोध करने का अधिकार है. ये लोकतंत्र है. कोई भी अदालत जा सकता है, ये उनका हक है.' 


रजा ने आगे कहा- 'अगर कंगना को लगता है कि उनके साथ नाइंसाफी हो रही है तो वह भी कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकती हैं. कोर्ट सबके लिए खुला है. आखिरी फैसला न्यायालय करता है. तो मैं कहना चाहूंगा कि इमरजेंसी पर फिल्में पहले भी आ चुकी हैं लेकिन ये फिल्म चर्चा में है. अगर किसी की धार्मिक भावनाएं आहत होती हैं, तो इससे देश में अशांति फैलती है और कानून व्यवस्था की स्थिति पैदा होती है.'


'हमारी सेंसरशिप संस्था जिम्मेदारी से काम...'
रजा मुराद आगे कहते हैं- 'इस बात का ध्यान रखना चाहिए... आप विरोध कर सकते हैं, लेकिन हमारा लोकतंत्र है. हमारी सेंसरशिप संस्था जिम्मेदारी से काम करती है लेकिन कभी-कभी उन्हें भी सोचना चाहिए कि ऐसा कुछ भी नहीं दिखाया जाना चाहिए जो किसी को या एक वर्ग को खराब रोशनी में दिखाता हो. हम नहीं कह सकते कि यह विवाद क्या मोड़ लेगा लेकिन हम चाहेंगे कि चीजें शांति से हों.'


अशोक पंडित ने दी राय
फिल्म मेकर अशोक पंडित ने भी 'इमरजेंसी' को लेकर हो रहे विरोध पर कमेंट किया है. अशोक ने कहा- 'भारत में लोकतंत्र है. हर फिल्म मेकर अपनी पसंद के मुताबिक फिल्म बनाने के लिए आजाद हैं. वे अपनी धारणा को चित्रित करने की कोशिश करते हैं. ये पहली बार नहीं है कि ऐसी कोई फिल्म बनी है, जिन लोगों को इस फिल्म पर आपत्ति है, मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि क्या उन्होंने फिल्म देखी है.'


अशोक पंडित ने आगे कहा- 'काल्पनिक रूप से आप किसी फिल्म पर आपत्ति नहीं कर सकते. कानूनी तौर पर टीजर देखने के बाद अगर आपको लगता है कि ये फिल्म सिख विरोधी है तो आप सेंसर बोर्ड के पास जा सकते हैं. लेकिन इसके लिए किसी को धमकी देना पूरी तरह से गलत है.'


'बिना देखें इस तरह से जजमेंट पास करना...'
एक्टर राजेश खट्टर ने कहा- 'क्रिएटिव वर्क को आप उसके रिलीज होने के बाद क्रिटिसाइज या एनालाइज करें. उससे पहले जो कुछ भी होता है, मुझे जायज नहीं लगता है. उसके बाद कुछ आपत्तिजनक है तो उसके लिए आप आवाज उठाएं. लेकिन किसी चीज को बिना देखें इस तरह से जजमेंट पास करना, पसर्नल लेवल पर मुझे ठीक नहीं लगता. जो लोग ऐसा कह रहे हैं उनकी अपनी वजहें होंगी, लेकिन ये सही नहीं है.'


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