Pal Pal Dil Ke Paas Movie Review: खूबसूरत लोकेशन्स फिल्म की जान, करण देओल की एक्टिंग करती है निराश
करण देओल ने इंडस्ट्री में एंट्री तो कर ली है लेकिन इस टफ कॉम्पिटीशन के बीच वो दर्शकों के दिल में अपनी जगह बना पाते हैं या नहीं इसके लिए अभी थोड़ा इंतजार करना होगा. हम आपके लिए लेकर आए हैं आज रिलीज हुई करण देओल की पहली फिल्म 'पल पल दिल के पास ' का रिव्यू...
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स्टार कास्ट - करण देओल, सहर बंबा
निर्देशक - सनी देओल
रेटिंग - ** (2)
बॉलीवुड में यूं तो बीते कुछ समय से नेपोटिज्म को लेकर अलग ही बहस छिड़ी हुई है. इसी बहस के बीच अब एक और स्टारकिड ने फिल्म इंडस्ट्री में एंट्री ली है. आज बॉलीवुड हीमैन धर्मेंद्र के पोते और सनी देओल के बेटे करण देओल की डेब्यू फिल्म पल पल दिल के पास रिलीज हो गई है. देओल परिवार पिछले करीब 6 दशकों से मनोरंजन जगत का हिस्सा हैं और अपने अभिनय के दर्शकों का मनोरंजन करते आ रहे हैं. ऐसे में करण देओल के लिए क्रिटिक्स और दर्शक दोनों को ही जीत पाना एक मुश्किल काम है.
यूं तो अक्सर ये कहा जाता है कि स्टारकिड्स को बॉलीवुड में आसानी से एंट्री मिल जाती है लेकिन जब कभी स्टारकिड्स से इस बारे में पूछा जाता है तो उनका कहना होता है कि उनपर ज्यादा प्रेशर होता है. क्योंकि हमेशा उन्हें उनके माता-पिता या रिश्तेदारों से कंपेयर किया जाता है.
इस फिल्म से करण देओल ने इंडस्ट्री में एंट्री तो कर ली है लेकिन इस टफ कॉम्पीटीशन के बीच वो दर्शकों के दिल में अपनी जगह बना पाते हैं या नहीं इसके लिए अभी थोड़ा इंतजार करना होगा. हम आपके लिए लेकर आए हैं आज रिलीज हुई करण देओल की पहली फिल्म 'पल पल दिल के पास ' का रिव्यू...
कहानी
पल पल दिल के पास एक लव स्टोरी है जिसमें एक्शन तो नहीं है लेकिन हां एडवेंचर बहुत सारा है. फिल्म की कहानी मनाली में ट्रैकिंग कैंप चला रहे करण और दिल्ली की जर्नलिस्ट सहर की है. करण के माता पिता नहीं हैं और वो अपनी दोस्त के साथ मिलकर मनाली में ट्रैकिंग कैंप चलाता है और इसके लिए मोटी रकम भी लेता है. लेकिन करण का दावा है कि इस ट्रिप के लिए ली गई फीस कभी भी टूरिस्ट्स को ज्यादा नहीं लगती क्योंकि वो उन्हें एक जीवन बदल देने वाले अनुभव देता है. वहीं , दिल्ली में रह सहर एक सनसनी स्टोरी की तलाश में मनाली पहुंचती हैं.
सहर को लगता है कि करण अपने इस कैंप की आड़ में कोई बड़ा स्कैम कर रहा है और वो उसे एक्सपोज कर देगी. लेकिन जब सहर इस ट्रैक पर करण के साथ निकलती है तो उसके विचार धीरे-धीरे बदलने लगते हैं और दोनों को प्यार हो जाता है. अब दोनों की इस लवस्टोरी में कौन विलेन बनता है और दोनों मिल पाते हैं या नहीं ... इसके लिए तो आपको फिल्म देखनी होगी.
निर्देशन
बेटे को लॉन्च करने के लिए सनी ने निर्देशन की कमान अपने हाथ में रखी है. सनी देओल ने फिल्म में यूं तो एक मसाला फिल्म के लगभग सभी एलीमेंट्स डालने की कोशिश की है. लेकिन जब आप कहानी को पर्दे पर देखते हैं तो आपको ऐसा लगता है मानो सभी एलीमेंट्स फिल्म मौजूद तो हैं लेकिन कहानी के साथ मिक्स नहीं हो पा रहे है. यही फिल्म की सबसे बड़ी कमजोरी है. फिल्म की शूटिंग बेहद मुश्किल लोकेशन्स पर की गई है और उसे फिल्माया भी अच्छा गया है लेकिन निर्देशन की खामियां उनके असर को जरा कम कर देती हैं.
एक्टिंग
करण देओल की ये पहली फिल्म है ऐसे में उनसे बहुत ज्यादा उम्मीदें नहीं रखी जा सकती. हालांकि एक फिल्मी बैग्राउंड से होने के नाते उनसे उम्मीदें जरा बढ़ जाती हैं. करण देओल स्क्रीन पर अच्छे लगते हैं, लेकिन सिर्फ तब तक जब तक की वो डायलॉग नहीं बोलते. उन्हें एक्सप्रेशन्स से लेकर बॉडी लेंग्वेज पर थोड़ा और होमवर्क करने की जरूरत है. न तो करण डायलॉग्स ही बेहतर तरीके से बोल पाते हैं न ही वो इमोशन्स को जाहिर करने में कामयाब हो पाते हैं. ऐसे में एक्टिंग की ये खामियां फिल्म को कमजोर बनाती हैं. हालांकि करण के साथ डेब्यू कर रही सहर ने स्क्रीन पर ठीक-ठाक काम किया है.
सिनेमैटोग्राफी
इस फिल्म की जान उसकी कहानी और कलाकारों के अभिनय की जगह इसकी सिनेमैटोग्राफी है. जिन लोकेशन्स पर फिल्म की शूटिंग की गई है वहां पर कैमरे से इस तरह का काम लेना बेहद मुश्किल है. फिल्म का आधे से ज्यादा हिस्सा बर्फ से ढके पहाड़ों पर फिल्माया गया है. साथ ही इसमें कई एडवेंचर्स एक्टिविटीज भी दिखाई गईं हैं जिनमें पहाड़ों पर ट्रैकिंग, जिप लाइन और रिवर क्रॉसिंग जैसी चीजें शामिल हैं.
म्यूजिक
फिल्म की एल्बम में यूं तो 10 गाने रखे गए हैं. फिल्म की शुरुआत ही गाने से होती है गाने का टाइटल है 'आधे से ज्यादा' हालांकि ये गाना न तो सुनने में ही दिल तक पहुंचता है और न ही ये फिल्म में करण के किरदार को स्टैब्लिश करने में कामयाब हो पाता है. इसके अलावा कई और गाने फिल्म में हैं जो आते हैं और चले जाते हैं. फिल्म देखने के बाद अगर आपकी जुबां पर कोई गाना ठहरता है तो वो फिल्म का टाइटल ट्रैक 'पल पल दिल के पास' है जिसे अरिजीत सिंह ने आवाज दी है.
क्यों देखें
- इस फिल्म से सनी देओल का बेटा डेब्यू कर रहा है ऐसे में जो लोग सनी या धर्मेंद्र के फैन हैं तो वो करण को एक फेयर चांस तो दे ही सकत हैं.
- फिल्म की कहानी में भले ही दम न हो लेकिन इसकी सिनेमैटोग्राफी काफी अच्छी है और देश मे मौजूद कई ऐसी जगहों को एक्सप्लोर करती है जिसके बारे में ज्यादातर लोग नहीं जानते.
- फिल्म में दिखाई गई लोकेशन्स और एडवेंचर आपको आश्चर्यचकित कर सकते हैं.
क्यों न देखें
- जैसा की फिल्म की रिलीज से पहले दावा किया जा रहा था कि ये अब तक की सबसे बड़ी लव स्टोरी है तो ये आपके लिए नहीं है. फिल्म में ऐसी कोई कहानी नजर नहीं आती.
- अगर आप करण देओल को देखने के लिए थिएटर में जाना चाहते हैं तो उनकी एक्टिंग भी आपको निराश करेगी.
यहां देखें ट्रेलर
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