करण जौहर ने जमकर की अमिताभ बच्चन की तारीफ, बोले- उनमें वो पावर है कि लोग देखते ही खड़े हो जाते हैं
Karan Johar Praised Amitabh Bachchan: करण जौहर ने एक बातचीत के दौरान अमिताभ बच्चन की जमकर तारीफ की. करण ने कहा कि, मुझे लगता है कि अमिताभ बच्चन में वह पावर है कि लोग उन्हें देखते ही खड़े हो जाते हैं.
Karan Johar Praised Amitabh Bachchan: बॉलीवुड के मशहूर फिल्म प्रोड्यूसर करण जौहर हिंदी सिनेमा के दिग्गज एक्टर अमिताभ बच्चन से काफी प्रभावित है. वे कई मौकों पर बिग बी की तारीफ कर चुके हैं और एक बार फिर से उन्होंने 'सदी के महानायक' की तारीफ करते हुए उनकी पावर के बारे में बताया है.
करण ने हाल ही में एक पॉडकास्ट के दौरान अपने बचपन के दिनों की बातों को शेयर किया था. पॉडकास्ट का नाम था 'जाने मन'. इस पॉडकास्ट में रैपिड राउंड हुआ, उनसे कुछ सवाल किए गए, जिनका जवाब उन्हें देना था. पॉडकास्ट के दौरान, जब उन्हें पावर और शांति शब्द के बारे में पूछा गया तो उन्होंने पावर के लिए फिल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन का नाम लिया और शांति के लिए दिवंगत आध्यात्मिक गुरु दादा वासवानी का.
करण जौहर ने जमकर की अमिताभ बच्चन की तारीफ
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करण जौहर ने अमिताभ बच्चन की तारीफ करते हुए कहा कि, मुझे लगता है कि अमिताभ बच्चन में वह पावर है, जब किसी कमरे में वे प्रवेश करते हैं, तो ज्यादातर लोग खड़े हो जाते हैं और उन्हें पता नहीं होता कि वे क्यों खड़े हैं. असल में यही सच्ची शक्ति है.
शांति के लिए लिया दादा वासवानी का नाम
वहीं शांति के लिए दादा वासवानी का नाम लेते हुए करण ने कहा कि, वह अब हमारे बीच नहीं हैं. मुझे उनसे मिलकर शांति महसूस हुई और मैंने उनका साक्षात्कार लिया. यकीन मानिए, आध्यात्मिक दुनिया के लोगों से कभी इतना प्रभावित नहीं हुआ. लेकिन मैं उनकी मौजूदगी से बहुत प्रभावित हुआ और मुझे शांति महसूस हुई.
मैं कभी भी दूसरे लड़कों की तरह नहीं था
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आखिरी बार रणवीर सिंह और आलिया भट्ट अभिनीत 'रॉकी और रानी की प्रेम कहानी' का निर्देशन करने वाले फिल्ममेकर ने अपने बारे में बात करते हुए बताया कि, उन्हें एक इंसान के तौर पर अपनी जर्नी पर गर्व है और वे इसे किसी भी तरह अलग तरीके से जीने का प्रयास नहीं करेंगे.
उन्होंने कहा, मैं कभी भी दूसरे लड़कों की तरह नहीं था, उनकी इंट्रेस्ट, स्टाइल, उनके खेल ये बस मैं नहीं था. मुझे यह समझने में सालों लग गए कि मुझे अलग होने के लिए किसी से माफी मांगने की जरूरत नहीं है. मैं जो हूं, उसे स्वीकार किया है और यही मेरी शक्ति बन गई है. आज तक, मैंने जिस तरह से जीवन जिया है या जो काम मैंने किया है, उस पर मुझे कभी पछतावा नहीं हुआ है. मैं जो कुछ भी करता हूं, वह खुद के लिए है, बिना किसी खेद के. मैं बस अपनी सच्चाई जीना चाहता हूं.