आउटसाइडर्स की तरह हार्ड वर्क करते हैं फिल्मी परिवार से आने वाले कलाकार, करीना कपूर खान ने नेपोटिज्म पर कही ये बातें
सुशांत सिंह राजपूत सुसाइड के बाद शुरू हुई नेपोटिज्म और इनसाइडर-आउटसाइडर्स की बहस पर करीना कपूर खान ने भी अपना पक्ष रखा है. उन्होंने कहा कि जनता ही स्टार बनाती है या गिराती है. वह 21 साल से बॉलीवुड में काम कर रही हैं. इसके पीछे कोई नेपोटिज्म नहीं है. मेहनत है.
सुशांत सिंह राजपूत के सुसाइड के बाद से बॉलीवुड में नेपोटिज्म और इनसाइडर-आउटसाइडर की बहस लगातार बनी हुई है. कंगना रनौत सहित कई आउटसाइडर-इनसाइडर कलाकारों ने इस पर अपनी राय रखी. अब बॉलीवुड एक्ट्रेस करीना कपूर खान ने नेपोटिज्म पर अपना पक्ष रखा है. बरखा दत्त को दिए इंटरव्यू में करीना कपूर ने खान ने कहा कि परिस्थितियों के समझे बिना, लोग अक्रामक रूख अपनाए हुए हैं.
करीना कपूर खान ने कहा, "मैं बॉलीवुड में 21 साल से काम कर रही हूं. ऐसा नेपोटिज्म की वजह से नहीं है. यह बिल्कुल भी संभव नहीं है. मैं सुपरस्टार्स के बच्चों की एक लंबी लिस्ट दे सकती हूं जो इंडस्ट्री में लंबे समय तक नहीं टिक पाए." उन्होंने कहा कि इसके लिए आपको कठोर परिश्रम करने के साथ-साथ आगे बढ़ते रहना होता है. उन्होंने कहा कि वह अपनी बॉलीवुड जर्नी को ऐसे नहीं देखती कि उन्हें ये मौके वंशवाद के चलते मिले हैं.
किसी पर फिल्में देखना दबाव नहीं
करीना के मुताबिक ऑडियंस ही निर्णायक है कि कौन स्टार बनेगा. उन्होंने शाहरुख खान और अक्षय कुमार का उदाहरण दिया, जिनका फिल्म इंडस्ट्री से कोई कनेक्शन नहीं था लेकिन वह बहुत ही सक्सेसफुल हैं क्योंकि ऑडियंस ने उनका खुले हाथों से स्वागत किया. उन्होंने कहा, "ऑडियंस ने हमें बनाया है. वहीं लोग ऊंगली उठा रहे हैं, जो खुद इन भाई-भतीजावाद वालों को स्टार्स बना रहे है. आप जा रहे हो ना फिल्म देखने? मत जाओ. आप पर कोई दबाव नहीं है. इसलिए मुझे ये समझ नहीं आ रहा. मुझे लगता है कि यह सभी बहसें पूरी तरह अजीब हैं."
आउटसाइडर की तरह करते हैं हार्ड वर्क
करीना कपूर ने कहा कि फिल्मी परिवार से आने वाले लोग भी आउटसाइडर की तरह मेहनत करते हैं. उन्होंने कहा,"जिन बड़े स्टार्स को खुद ऑडियंस ने बनाया है, चाहे वो अक्षय कुमार हो या शाहरुख खान या आयुष्मान खुराना या राजकुमार राव, ये सभी आउटसाइडर्स हैं. ये सभी लोग सक्सेसफुल हैं क्योंकि उन्होंने हार्डवर्क किया है. चाहे वो आलिया भट्ट हो या करीना कपूर हम लोग भी कठोर परिश्रम करते हैं. आप लोग हमारी फिल्में देखते हैं और उन्हें एन्जॉय करते हैं. तो यह ऑडियंस जो हमे बनाती है या गिराती है."