90 के दशक में जिन बॉलीवुड एक्ट्रेसेस का दबदबा था उन एक्ट्रेसेस की लिस्ट में करिश्मा कपूर और काजोल का नाम भी शामिल किया जाता है. इन दोनों ही एक्ट्रेसेस ने एक साल के अंतराल में सिल्वर स्क्रीन पर कदम रखा था. काजोल ने जहां 1992 में आई फिल्म 'बेखुदी' से बॉलीवुड डेब्यू किया था वहीं करिश्मा कपूर 'प्रेम कैदी' में पहली बार नजर आई थीं. दोनों की ही पहली फ़िल्म बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह पिटी थी.




साथ ही इनपर खुद को साबित करने का दबाव तो था ही क्योंकि ये दोनों ही बॉलीवुड की दिग्गज अभिनेत्रियों की बेटियां जो थीं. करिश्मा, कपूर खानदान की बेटी हैं और उनकी मां बबीता भी जानी-मानी अभिनेत्री रह चुकी थीं. दूसरी तरफ काजोल की मां तनुजा ने भी अपने एक्टिंग टैलेंट से जबरदस्त मुकाम हासिल किया था. हालांकि बबीता-तनुजा की ये बेटियां इंडस्ट्री में अपना मुकाम हासिल करने में कामयाब रहीं. 





पहली फिल्म फ्लॉप होने के बाद करिश्मा ने करियर में हार नहीं मानी. उनकी गोविंदा के साथ जोड़ी हिट हो गई और राजा बाबू, कुली नंबर 1, साजन चले ससुराल जैसी फ़िल्में हिट रहीं, लेकिन इनके बाद 1996 में आई राजा हिंदुस्तानी ने करिश्मा के करियर की दिशा-दशा बदलकर रख दी. यह फिल्म उनके करियर की अब तक की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म है. इस फिल्म के तुरंत बाद 1997 में आई दिल तो पागल है ने उनके करियर को और बुलंदियों पर पहुंचा.




'राजा हिंदुस्तानी' के लिए करिश्मा को बेस्ट एक्ट्रेस फिल्मफेयर अवॉर्ड और 'दिल तो पागल है' के लिए बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस का फिल्म फ़ेयर अवॉर्ड मिला. वहीं काजोल ने भी बाज़ीगर के बाद 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे','कुछ कुछ होता है' जैसी आइकॉनिक फ़िल्में करते हुए खुद को बॉलीवुड में स्थापित कर लिया था. काजोल ने अजय देवगन से शादी की और अब वह दो बच्चों की मां बन चुकी हैं. कुल मिलाकर देखा जाए तो दोनों ही एक्ट्रेसेस का सफर बॉलीवुड में बेहतरीन रहा.