नई दिल्ली: संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावत' की रिलीज के बाद करणी सेना ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की है. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में करणी सेना के अध्यक्ष लोकेन्द्र सिंह कालवी ने फिल्म का विरोध जारी रखने की अपील की है. अपील के साथ-साथ उन्होंने मीडिया से कहा है कि वो ऐसे समय में मजबूती से करणी सेना के साथ खड़े रहें साथ ही सिनेमा हॉल मालिकों से अपील की कि वो फिल्म को प्रदर्शित कर पाप के भागीदार न बनें.
इसके साथ ही कालवी कहा है कि जयपुर साहित्य महोत्सव में उनके कहने के बाद सेंसर अध्यक्ष प्रसून जोशी नहीं गए हैं. कालवी ने इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा है कि फिल्म की रिलीज से पहले जिनको एक्स्पर्ट पैनल बनाकर बुलाया गया था, सेंसर बोर्ड ने उनकी राय जानें बिना ही फिल्म को पास कर दिया. वहीं कालवी ने ये भी कहा है कि पाकिस्तान में फिल्म 'पद्मावत' अपने अॉरिजिनल फॉर्म में दिखाई जा रही है. यहां सेंसर द्वारा दिए सुझावों को बिना बदलाव के दिखाया गया है.
फिल्म के विरोध को लेकर कालवी ने कहा है कि वो फिल्म के रिलीज के बाद भी अपना विरोध जारी रखेंगे. गुरुग्राम में बच्चों की स्कूल बस हुए हमले पर बोलते हुए कालवी ने कहा है कि इस मामले की जांच होने दीजिए. कालवी ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में भरोसा जताया है कि बच्चों की स्कूल बस पर हमला करने जैसी करतूत करणी सेना की नहीं हो सकती. उनका कहना है कि करणी सेना बहुत छोटी है और हर हिंसा के पीछे करणी सेना के नाम का इस्तेमाल किया जा रहा है, इसलिए उनका मानना है कि जांच की जाए.
करणी सेना के बारे में बात करते हुए कालवी ने कहा है कि करणी सेना बहुत छोटी सी एक संस्था है और देश में सभी समान विचारधाराओं का इसे समर्थन है जिसके लिए हम आभार व्यक्त करते हैं. फिल्म के विरोध करने को लेकर कालवी का कहना है कि इस देश में सबको छूट है वैसे ही हमें भी विरोध करने की पूरी आजादी है. हालांकि कुछ घटनाएं और दुर्घटनाएं दुखद हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा, ''मैं गुजरात के अहमदाबाद में हुई थिएटर में आगजनी की घटना का प्रत्यक्षदर्शी हूं, लेकिन दुर्भाग्य से मैं ऐसा करने वालों में से किसी को नहीं जानता था और न ही उनमें से कोई मुझे जानता था तो फिर वो लोग करणी सेना के कैसे हुए.''
अहमदाबाद के बाद गुरुग्राम की हिंसक घटना पर बात करते हुए कालवी ने कहा बस ड्राइवर कहता है कि मैंने विरोध करने वालों को जब मना किया कि ये स्कूल की बस है तो कुछ लोगों ने बस में सवार होकर पुलिस के साथ बस को वहां से निकाला बाद में पीछे से आए बाइकसवारों ने हमला किया. इसके आगे कालवी बोले कि बस ड्राइवर ने ही बताया है कि रिलायंस में काम करने वालों की तरह हमलावरों ने कपड़े पहने हुए थे और उनकी बाइक के पीछे प्रेस लिखा हुआ था.
कालवी का कहना है कि ये जो कुछ भी दिखाया जा रहा है वो एक राजपूत कभी भी नहीं कर सकता. राजपूत मर जाएगा लेकिन ऐसा कभी नहीं करेगा. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में कालवी ने कहा कि देश में अगर कोई सर्वोच अदालत या सर्वोच्च एजेंसी से वो इस मामले की जांच कराने के लिए तैयार हैं क्योंकि ऐसा पाप राजपूत कर ही नहीं सकते.
कालवी ने बताया है कि उनके पास मुंबई, पुणे और नासिक के 150 लोगों की राय है जिन्होंने फिल्म के पहले दिन का पहला शो देखा और इसकी बुराई की. वहीं कालवी ने कहा है कि जिन्हें से फिल्म पसंद आई उन्हें इसका कॉस्ट्यूम, गहने और लोकेशन अच्छा लगा होगा. इसके विरोध के बाद भी फिल्म को बैन न करा पाने के पीछे कालवी का मानना है कि कहीं न कहीं राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी रह गई जिसके कारण ये फिल्म बैन नहीं हो सकी.
इसके साथ ही कालवी ने इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ''केजरीवाल का भी ध्यान दिलवाना चाहता हूं उन्होंने बहुत कुछ बोला था. गजेंद्र सिंह मेरा किसान भाई था. याद होगा आपको... मैं मनीष जी को याद दिलाऊंगा उस आत्महत्या या उसे हत्या मानूं उसमें कितनी भागीदारी थी आपकी यह भी बता दीजिए. देश में पहली बार किसी फिल्म का इतना प्रबल विरोध हुआ. जब तक इसे बंद ना करा लें पूरी ताकत से मनाइए हॉल वालों को फिल्म ना चलाने के लिए, हाथ जोड़िए, मनाइए.''