'पद्मावत' के खिलाफ सड़क पर उतरी करणी सेना, सिनेमा हॉल को दी चेतावनी
मध्य प्रदेश के कई शहरों में करणी सेना के लोग सड़कों पर उतर आए जिनका कहना है कि वे किसी भी कीमत पर राज्य के सिनेमाघरों में फिल्म चलने नहीं देंगे.
नई दिल्ली: संजय लीला भंसाली की विवादित फिल्म 'पद्मावत' के प्रदर्शन पर रोक लगाए जाने संबंधी मध्य प्रदेश और राजस्थान सरकार की पुनर्विचार याचिका सर्वोच्च न्यायालय में खारिज होने के बाद मध्य प्रदेश के कई शहरों में करणी सेना के लोग सड़कों पर उतर आए. आंदोलनकारियों का कहना है कि वे किसी भी कीमत पर राज्य के सिनेमाघरों में फिल्म चलने नहीं देंगे.
'पद्मावत' फिल्म को लेकर बढ़ते विरोध के मद्देजनर राज्य सरकार सर्वोच्च न्यायालय गई थी, लेकिन वहां मंगलवार को फटकार लगाते हुए पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी गई. शीर्ष न्यायालय ने कहा कि कानून व्यवस्था संभालना राज्य सरकार का दायित्व है. सरकार को अराजकता फैलाने वालों से सख्ती से निपटना चाहिए.
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राजधानी भोपाल में करणी सेना, राजपूत समाज सहित हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए और उन्होंने जिलाधिकारी कार्यालय में डेरा डाल दिया. प्रदर्शन में महिलाएं भी शामिल हैं. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वे किसी भी कीमत पर इस फिल्म को सिनेमाघरों में नहीं चलने देंगे.
करणी सेना के सदस्य ऋषि राज ने संवाददाताओं से कहा, "करणी सेना फिल्म का प्रदर्शन नहीं होने देगी. हमारा आंदोलन जारी रहेगा. हम सर्वोच्च न्यायालय के फैसले से संतुष्ट नहीं हैं." इसी तरह ग्वालियर और मुरैना में भी 'पद्मावत' के खिलाफ प्रदर्शन जारी है. कई स्थानों पर लोग सड़कों पर उतर आए और उन्होंने सड़क पर टायर जलाकर यातायात बाधित करने की कोशिश की.
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फिल्म को लेकर राजपूत करणी सेना से जुड़े लोग कई दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं. भोपाल में सोमवार को राजपूत समाज के प्रतिनिधियों ने ज्योति टॉकीज के पास प्रदर्शन किया और चेतावनी दी कि यदि फिल्म का प्रदर्शन किया गया तो गंभीर नतीजे भुगतने होंगे. इसी तरह इंदौर में प्रदर्शनकारियों ने कई स्थानों पर टायर जलाकर अपना विरोध जताया.
पुलिस उपमहानिरीक्षक हरि नारायण चारी मिश्रा ने आईएएनएस को बताया, "प्रदर्शनकारियों को कई स्थानों से हटा दिया गया है, और इस क्रम में किसी तरह की हिंसा नहीं हुई है." उज्जैन में प्रदर्शनकारियों ने आगर रोड पर जाम लगाकर फिल्म का विरोध किया. स्थिति तनावपूर्ण रही. पुलिस को हल्का बल प्रयोग भी करना पड़ा.
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वहीं रतलाम जिले से करणी सेना से जुड़ीं राजपूत समाज की महिलाओं का एक दल राजस्थान के चित्तौड़गढ़ रवाना हुआ. ये महिलाएं वहां प्रदर्शन में शामिल होंगी. मध्य प्रदेश के पुलिस मुख्यालय में पदस्थ पुलिस महानिरीक्षक (कानून व्यवस्था) मकरंद देउस्कर ने संवाददाताओं से कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था का पूरा ध्यान रखा जाएगा. फिल्म 'पद्मावत' के मद्देनजर सभी पुलिस अधीक्षकों को अलर्ट किया गया है. उनसे कहा गया है कि वे सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करें.
देउस्कर ने कहा कि पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे सिनेमाघर और उनके मालिकों को सुरक्षा दें. किसी को भी कानून को हाथ में लेने की इजाजत नहीं है. पुलिस अपने दायित्व का बेहतर तरीके से निर्वाहन करेगी. फिल्म 'पद्मावत' के विरोध के बहाने हिंदूवादी संगठनों को सड़कों पर अपनी ताकत दिखाने का मौका मिल गया है. दरअसल, वे यह अहसास कराना चाहते हैं कि उनके लिए संविधान या न्यायालय कोई मायने नहीं रखता. ये सबसे ऊपर हैं, इनके हिंसक रूप देख समूचा देश खौफ खाए.
करणी सेना को आरएसएस व भाजपा का परोक्ष समर्थन इसलिए मिल रहा है, क्योंकि करणी सैनिक इन्हीं के बोल बोल रहे हैं. इसी साल आठ राज्यों में चुनाव होना है. इन्हें लगता है कि राजपूत वोट पक्का कर लेने का इससे बेहतर कोई और तरीका नहीं हो सकता. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार 'अपनों' से कैसे निबटती है.