कोच्चि: केरल हाईकोर्ट ने मंगलवार को गोवा में चल रहे भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में मलयाली फिल्म ‘‘एस दुर्गा’’ प्रदर्शित करने का आदेश दिया. सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने कुछ दिन पहले फिल्म को इस फिल्मोत्सव में प्रदर्शित की जाने वाली फिल्मों की सूची से हटा दिया था.


फिल्म के निर्देशक सनल कुमार शशिधरन ने हाईकोर्ट के फैसले की तारीफ की. सनल ने कहा कि अदालत का आदेश ‘‘सिनेमा और लोकतंत्र’’ की जीत है. अदालत के इस फैसले का भारतीय पैनोरामा के कई ज्यूरी सदस्यों और केरल फिल्म उद्योग के विभिन्न तबकों ने स्वागत किया.


न्यायमूर्ति बी विनोद चंद्रन ने निर्देशक सनल कुमार शशिधरन की याचिका स्वीकार करते हुए मंत्रालय को फिल्म को भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के 48वें संस्करण में प्रदर्शित करने का निर्देश दिया.


अदालत ने अपने आदेश में कहा कि फिल्म की प्रमाणित प्रति इस महोत्सव में प्रदर्शित की जा सकती है. 


फिल्म को महोत्सव के भारतीय पैनोरामा वर्ग से हटाने के बाद शशिधरन ने यह कहते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया था कि यह निर्णय असंवैधानिक है.


13 सदस्यीय जूरी की सिफारिशों के विपरीत सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने फिल्म ‘‘एस दुर्गा’’ और मराठी फिल्म ‘‘न्यूड’’ को महोत्सव से हटा दिया था.


सनल ने आस्ट्रेलिया से फोन पर पीटीआई से कहा, “मैं बेहद खुश हूं. यह सिनेमा और लोकतंत्र की जीत है. लोग हमारे साथ खड़े रहे और हम पर भरोसा दिखाया और इसका परिणाम सामने है. अध्यक्ष ने इस्तीफा दिया, अन्य सदस्यों ने भी इस्तीफा दिया.” निर्देशक ब्रिसबेन में एशिया फैसिफिक स्क्रीन अवार्ड कार्यक्रम में शामिल हो रहे हैं. अदालत का फैसला ऐसे समय आया है जब उन्हें इस समारोह में अपनी फिल्म के लिए सर्वश्रेष्ठ निर्देशक श्रेणी में नामित किया गया है.


उन्होंने कहा, “यह हम सबकी जीत है. यह साबित करता है कि लोकतंत्र की हत्या नहीं की जा सकती और कानून लोगों के लिए ही है.”