केजीएफ चैप्टर 2...वो फिल्म जो कामयाबी की ऐसी कहानी लिख रही है कि इससे पहले ऐसा कमाल बॉक्स ऑफिस पर दिखा ही नहीं. फिल्म रिकॉर्ड पर रिकॉर्ड बना रही है. इतने रिकॉर्ड बना रही है कि अब रिकॉर्ड शब्द भी छोटा लगने लगा है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि रॉकिंग स्टार यश की वजह से कैसे केजीएफ बनी. यश इस फिल्म के सिर्फ एक्टर नहीं हैं. इस फिल्म की आत्मा हैं. इस फिल्म के वो सूत्रधार हैं जो अगर नहीं होते तो केजीएफ नाम का तूफान शायद उठता ही नहीं.


एक वक्त था जब यश ने साल 2009 में कन्नड़ फिल्म Kallara Santhe को प्रमोट करने के लिए ऑटो चलाया था. उस वक्त यश को कोई ठीक से नहीं जानता था. किसी ने नहीं सोचा था कि एक दिन यश नाम का ये तूफान हिंदुस्तान का सबसे बड़ा स्टार बन जाएगा और सिर्फ स्टार या सुपरस्टार नहीं एक Phenomenon बन जाएगा.


केजीएफ के इतना बड़ा ब्रांड बनने के पीछे यश का ही हाथ है. यश ही चाहते थे कि इसे एक पैन इंडिया फिल्म बनाया जाएगा. यश ही चाहते थे कि इसे देश भर के लोग देखें. दुनियाभर के लोग देखें. ये फिल्म सिर्फ कर्नाटक तक सीमित ना रहे और ये बात फिल्म के डायरेक्टर प्रशांत नील ने खुद कई बार कही. 


यश इस फिल्म का चेहरा हैं..हीरो हैं..लेकिन पर्दे के पीछे भी उनका काफी बड़ा रोल रहा है..यश ने केजीएफ 2 के डायलॉग भी लिखे...प्रोड्यूसर कार्तिक गौड़ा ने यश के सामने ये बात एबीपी लाइव को दिए इंटरव्यू में कही थी. हालांकि उस वक्त भी यश ने क्रेडिट लेने से मना कर दिया था. 


केजीएफ जब बन रही थी. दो दिन की ही शूटिंग हुई थी उसी वक्त ये फैसला ले लिया गया था कि ये फिल्म दो हिस्सों में बनेगी. दूसरे पार्ट को आने में करीब 3 साल का वक्त लगा और इन तीन सालों में काफी कुछ बदल गया. कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री बदल गई. इसे यश से पहले और बाद के दौर में बांटा जा सकता है. साल 2018 मे यश केजीएफ 1 की एक 4 मिनट की शो रील लेकर फिल्म डिस्ट्रीब्यूटर अनिल थठानी के ऑफिस गए थे. अनिल थठानी की पत्नी रवीना टंडन अब केजीएफ 2 का हिस्सा हैं.


उस वक्त फिल्म कन्नड़ में थी और उस वक्त उन्हें भले वो भाषा नहीं आती थी, लेकिन इस 4 मिनट की शो रील ने उन्हें काफी प्रभावित किया. बाद में यश चार घंटे की फिल्म केजीएफ का एक कट लेकर लेकर और एक एक लाइन को ट्रांसलेट करके बताया. यश के इसी जज्बे को देखकर उस वक्त हिंदी फिल्म के डिस्ट्रीब्यूटर इस फिल्म से जुड़े.. एक्सेल एंटरटेनमेंट (EXCEL EXTERTAINMENT) इससे जुड़ा.


2018 में हिंदी बेल्ट में तमिल और तेलुगू सिनेमा के बारे में तो सबको पता था, लेकिन कन्नड़ फिल्मों के बारे में ज्यादा नहीं पता था..इसलिए गली गली नाम का गाना बनाया गया. उस वक्त केजीएफ 1 को यू ट्यूबर्स की मदद से प्रमोट किया गया था. पहले दिन फिल्म ने सिर्फ 2.5 करोड़ का कलेक्शन किया और फिर से तो ये फिल्म एक बवाल बन गई. केजीएफ की कामयाबी का सबसे बड़ा श्रेय यश को जाता है. अगर वो चार घंटे की फिल्म की एक एक लाइन उस वक्त डिस्ट्रीब्यूटर्स को ना समझाते तो शायद ये फिल्म इतनी बड़ी हो ही नहीं पाती. हिंदी में आ ही नहीं पाती. 


फिल्म से जुड़े तमाम लोगों ने अलग अलग इंटरव्यूज में इस बात खुलासा किया कि अगर यश के पास वो विजन नहीं होता तो केजीएफ 2 एक PHENOMENON ना बनती...आज ना सिर्फ केजीएफ 2 एक PHENOMENON बन गई है, बल्कि यश भी एक PHENOMENON बन गए हैं. हर कोई उनसे जुड़ना चाहता है. उनके बार में जानना चाहता है. उन्हें सुनना चाहता है. उनका इंटरव्यू करना चाहता है. यश जैसे सितारों ने नॉर्थ-साउथ का फर्क खत्म कर दिया है और इस पूरी इंडस्ट्री को हिंदी फिल्म इंडस्ट्री बना दिया है. 


केजीएफ 2 अब तक 29 रिकॉर्ड तोड़ चुकी है लेकिन ये आंकड़ा कुछ भी नहीं. असली चीज जो यश ने तोड़ी है वो ये भ्रम कि कोई काम मुश्किल होता है. अगर विजन हो तो सब कुछ किया जा सकता है और आज यश इसकी सबसे बड़ी मिसाल बन गए हैं.


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