मशहूर संगीतकार ख्ययाम ने बीती रात मुंबई में आखिरी सांस ली. ख्ययाम बीते कुछ दिनों से सीने में स्क्रमण के चलते अस्पताल में भर्ती थे. पिछले महीने 28 जुलाई को अचानक से वो अपने घर में गिर पड़े थे और फिर फौरन उन्हें सुजय अस्पताल ले जाया गया था. डॉक्टर ने‌ उन्हें फेफड़ों में गहरे संक्रमण से ग्रस्त बताया था. तभी से वो अस्तपताल में भर्ती थे. डॉक्टरों के मुताबिक बीती रात इलाज के दौरान उन्हें दिल का दौरा पड़ा, जिससे रात करीब साढ़े नौ बजे उनका निधन हो गया.


खय्याम के नाम से मशहूर राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता संगीतकार मोहम्मद जाहिर हाशमी का अंतिम संस्कार यहां मंगलवार शाम को पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा. उनके एक सहयोगी ने इसकी जानकारी दी.


खय्याम के पार्थिव शरीर को जुहू में स्थित उनके आवास पर रखा गया है ताकि लोग उनका आखिरी दर्शन कर उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित कर सकें. उनकी शवयात्रा शाम चार बजे जुहू में दक्षिणा पार्क सोसायटी में स्थित उनके घर से शुरू होकर फोर बंग्लोज कर्बिस्तान पहुंचेगी. उनका अंतिम संस्कार शाम साढ़े चार बजे किया जाएगा और उन्हें गन सैल्यूट सहित पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जाएगी.



आपको बता दें कि 18 फरवरी 1927 को मोहम्मद जहूर खय्याम का जन्म पंजाब के राहों गांव में हुआ. संगीतकार के तौर पर अपने करियर की शुरुआत 1953 में की थी. उसी साल आई उनकी फिल्म 'फिर सुबह होगी' से उन्हें बतौर संगीतकार पहचान मिली.


2007 में उन्हें संगीत नाटक अकादमी अवॉर्ड तो, वहीं 2011 में उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण से नवाजा गया. 'फिर सुबह होगी' के अलावा जिन फिल्मों में उनके संगीत की काफी चर्चा हुई, उनमें कभी कभी,‌ उमराव जान, थोड़ी सी बेवफाई, बाजार, नूरी, दर्द, रजिया सुल्तान, पर्वत के उस पार, त्रिशूल जैसी‌ फिल्मों का शुमार है.


सीने में संक्रमण और न्यूमोनिया की शिकायत के बाद उन्हें पिछले महीने 28 जुलाई को मुंबई के सुजय अस्पताल में भर्ती कराया गया था. हालांकि उनकी स्थिति लगातार बिगड़ती ही जा रही थी. डॉक्टरों के मुताबिक आज इलाज के दौरान उन्हें दिल का दौरा पड़ा, जिससे रात करीब साढ़े नौ बजे उनका निधन हो गया