Khesari Lal Yadav himself used to put up posters of his songs: हाल ही में भोजपुरी स्टार खेसारी लाल यादव (Khesari Lal Yadav) की फिल्म, 'लिट्टी चोखा' रिलीज़ हुई है जिसे फैंस खूब पसंद कर रहे हैं. फिल्म की कहानी एक किसान की जिंदगी को दिखाती है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, किसान आंदोलन के वक्त खेसारी (Khesari Lal Yadav) को इस फिल्म को बनाने की प्रेरणा मिली थी. वहीं, इस फिल्म के प्रमोशन के दौरान खेसारी (Khesari Lal Yadav) ने अपने संघर्ष के दिनों को भी याद किया. हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में खेसारी लाल यादव (Khesari Lal Yadav) ने कहा, 'मैंने 3 महीने गुड्डू रंगीला के के घर नौकर का काम किया. उनके यहां रोटी बनाने वाली की जरूरत थी क्योंकि उनका नौकर भाग गया था. मैं उनके यहां झाडू-पोछा भी लगाता था और रोटी भी बनाता था'.
खेसारी लाल यादल ने आगे बताया कि, 'काफी मुश्किल से उन्होंने 12 हजार रुपए जमा किए थे और अपना पहला गाना रिलीज़ किया था. हालांकि, ये गाना फ्लॉप रहा था. इसके फ्लॉप होने के बाद ही उन्होंने गुड्डू रंगीला के घर काम करना शुरू किया था, जिसके बाद उन्होंने फिर पैसे जमा किए और एक और गाना बनाया जो थोड़ा चल पड़ा. फिर मेरे गानों में कंपनी पैसे लगाने लगे, मगर मुझे अपने ही गाने की लिए पैसे नहीं मिलते थे'.
खेसारी ने आगे कहा, 'उस वक्त मेरा सिर्फ एक ही काम था,12-12 हज़ार रुपए में गाने की कैसेट खरीदना और उसका पोस्टर हर दूकान पर चिपकाना. शायद ही कोई कोना बचा होगा जहां मेरे पोस्टर नहीं लगे होंगे. मुझे कई जगह पर मां-बहन की गालियां भी सुननी पड़ी थी. कई लोग मेरे पोस्टर मेरे सामने ही फाड़ देते थे'.
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