खुशमिजाज किशोर कुमार थे उसूल पाबंद भी, देश की पीएम तक को किया नाराज, लेकिन लता मंगेशकर की एक बात से डरते रहे ताउम्र
Kishore Kumar Birth Anniversary: 4 अगस्त को दिग्गज सिंगर किशोर कुमार की 95वीं जन्मतिथि मनाई गई. किशोर कुमार को लेकर कई किस्से हैं जिन्हें सुनकर सभी हैरान हो जाते हैं. किशोर कुमार का अंदाज काफी अलग था.
Kishore Kumar Birth Anniversary: भारतीय सिनेमा के दिग्गज सिंगर और अभिनेता किशोर कुमार हरफनमौला कलाकार थे. एक ऐसे शख्स जो अपने बेबाक अंदाज के लिए जाने जाते थे. अपने पीछे गायकी की समृद्ध विरासत छोड़ गए. इस कलाकार को ताउम्र किसी से डर नहीं लगा. देश की पीएम इंदिरा गांधी तक को न कहने की हिम्मत दिखाई लेकिन इसी कलाकार को लता दीदी की एक बात डराती थी!
किशोर कुमार ने खुद कहा था कि वो लता मंगेशकर की एक आदत से असहज महसूस करते हैं और ये आदत थी स्वर कोकिला का अनुशासन. एक किस्सा खुद किशोर कुमार ने साझा किया था. उन्होंने कहा था कि उन्हें आश्चर्य हुआ जब लता ने लंदन में उनके साथ स्टेज शो करने के लिए हामी भरी. वो रोमांचित था, लेकिन मुझे एक बात की चिंता थी- उनका अनुशासन.
किशोर कुमार ने सुनाया लता मंगेशकर का किस्सा
किशोर कुमार ने कहा, 'बिना रिहर्सल के कभी स्टेज पर नहीं जाती थी और मैं चीजों को बेहद सामान्य तरीके से लेता हूं. मंच पर हमें पांच डुएट गीत गाने थे. समस्या तब खड़ी हुई जब स्टेज पर जाने का समय आया. हम तय नहीं कर पा रहे थे कि पहले कौन जाएगा?'
किशोर कुमार ने आगे कहा, 'मैंने सुझाव दिया कि लता पहले गाएं क्योंकि वह मेरी सीनियर हैं. लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. इसके बजाय वह मेरा परिचय कराने के लिए स्टेज पर चली गईं. उसने मेरी बहुत प्रशंसा की, लेकिन यह भी कहा, "मैं उन्हें दा कहती हूँ क्योंकि वो मुझसे उम्र में बड़े हैं". मैं उनसे एक महीने और 24 दिन बड़ी हूं. इसके बाद हमने तीन शो किए.
लता और किशोर ने कई बेजोड़ गीत गाए. दोनों की आवाज में अलग सी रवानगी थी. बॉन्डिंग अच्छी थी शायद यही एक वजह रही कि किशोर दा ने आखिरी इंटरव्यू भी लता दीदी को दिया. लता ने एक रिपोर्टर बनकर उनसे बात की. इसमें उन्होंने कई मुद्दों पर बात की. जिसमें से एक मजेदार किस्सा दोनों की पहली मुलाकात से जुड़ा था.
किशोर दा ने बताया था कि कैसे दोनों ने ट्रेन और तांगे में एक साथ सफर किया. फिर दोनों एक ही जगह पहुंचे और वो था बॉम्बे टॉकीज. लता सोचती रहीं कि किशोर कुमार उन्हें फॉलो कर रहे हैं लेकिन कुछ देर बाद ही पर्दा उठाया खेमचंद प्रकाश ने. उन्होंने फॉर्मल इंट्रोडक्शन कराया और इसके बाद दोनों खूब हंसे.
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किशोर दा जितने हंसमुख और मजाकिया थे उतने ही आदर्शों को लेकर अटल रहने वाले भी थे. एक दौर (1982-87) था जब सब अमिताभ बच्चन के पीछे लाइन लगाए रहते थे इस महान गायक ने राजेश खन्ना का साथ नहीं छोड़ा. काका जी की 91 फिल्मों में अपनी आवाज दी और अमिताभ बच्चन की फिल्मों में लगभग 150 से ज्यादा गाने गाए थे
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