(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Godhra Kand क्या है? कब हुआ था? The Sabarmati Report देखने से पहले जान लीजिए
The Sabarmati Report And Godhra Kand: विक्रांत मैसी की विवादित फिल्म द साबरमती रिपोर्ट जिस घटना पर आधारित है उस गोधरा कांड के बारे में सब कुछ यहां जानिए.
The Sabarmati Report And Godhra Kand: विक्रांत मैसी की फिल्म 'द साबरमती रिपोर्ट' रिलीज हो चुकी है. इस फिल्म की कहानी गुजरात के गोधरा में साल 2002 में हुए अग्निकांड और उसके बाद के गुजरात दंगों पर आधारित है. फिल्म का ट्रेलर आने के बाद से ही फिल्म विवादों में है. फिल्म के लीड एक्टर विक्रांत को धमकियां तक मिली हैं.
इस फिल्म की रिलीज डेट नजदीक आने के साथ ही गूगल पर गोधरा कांड से जुड़ी सर्च बढ़ गई थी. अब फिल्म रिलीज हो चुकी है. अगर आप इस फिल्म को देखने की तैयारी में हैं तो इसे देखने से पहले जान लीजिए कि गोधरा कांड क्या है,कब हुआ था और उसके बाद क्या-क्या हुआ.
क्या है गोधरा कांड (Godhra Kand)?
साल 2002 में फरवरी का महीना था, तारीख थी 27. ये वही मनहूस दिन था जब गुजरात के गोधरा नाम की एक जगह में साबरमती एक्सप्रेस के एस-6 कोच में आग लगा दी गई. इस कोच में कारसेवक सवार थे, जो अयोध्या से आ रहे थे.इस अग्निकांड में 59 लोगों की जलकर मौत हो गई.
गोधरा कांड के बाद हुए वीभत्स सांप्रदायिक दंगे (Gujara Riots)
गोधराकांड के एक दिन बाद यानी 28 फरवरी को देश ने आजादी के बाद सबसे बड़ी त्रासदियों में से एक देखी. पूरे गुजरात को दंगों ने अपनी चपेट में ले लिया. करीब 3 महीनों तक अहमदाबाद और इसके आसपास के इलाके इस त्रासदी की चपेट में रहे. इन सांप्रदायिक दंगों की चपेट में आए करीब 1000 लोगों ने अपनी जान गंवा दी.
गोधरा कांड के दौरान गुजरात सीएम थे नरेंद्र मोदी (Narendra Modi)
बता दें कि जब गुजरात में गोधरा कांड हुआ उस दौरान पीम नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे. इस घटना के कुछ दिनों बाद ही 2 मार्च को उन्होंने गोधरा कांड की जांच के लिए नानावटी-शाह आयोग बनाया. इसमें इसमें हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ज जज केजी शाह और जीटी नानावटी को सदस्य बनाया गया.
गोधरा कांड थी सोची-समझी साजिश
इस आयोग ने सितंबर 2008 में रिपोर्ट का पहला हिस्सा पेश किया, जिसमें इस कांड को एक सोची-समझी साजिश बताया गया. और तत्कालीन सीएम मोदी और मंत्रियों समेत कई सीनियर ऑफिसर्स को क्लीनचिट दे दी गई.
- इस आयोग के एक सदस्य जज केजी शाह के 2009 में निधन के बाद उनकी जगह गुजरात हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस अक्षय मेहता को सदस्य बनाया गया और आयोग का नाम नानावटी-शाह आयोग से बदलकर नानावटी-मेहता आयोग कर दिया गया.
- इस आयोग ने उसके 10 साल बाद साल 2019 में अपनी रिपोर्ट का दूसरा हिस्सा भी पेश किया. इसमें भी वही बात दोहराई गई जो पहले हिस्से में थी. यानी इस कांड को सोची-समझी साजिश बताया गया.
मामले में ट्रायल कोर्ट ने दी थी ये सजा, हाईकोर्ट ने किया बदलाव, अब क्या है स्थिति?
- मार्च 2011 में, ट्रायल कोर्ट ने 31 लोगों को दोषी ठहराया, जिनमें से 11 को मौत की सजा सुनाई गई और शेष 20 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। 63 अन्य आरोपियों को बरी कर दिया गया।
- लाइव लाॉ के मुताबिक, इस मामले में ट्रायल कोर्ट ने मार्च 2011 में 31 लोगों को दोषी ठहराया. इनमें से 11 लोगों को मौत की सजा और बाकी बचे 20 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई. 63 अन्य आरोपियों को बरी कर दिया गया.
- इसके बाद साल 2017 में गुजरात हाईकोर्ट ने उन 11 लोगों की सजा को बदलकर आजीवन कारावास कर दिया, जिन्हें मृत्युदंड दिया गया था. बाकी के 20 लोगों की आजीवन कारावास की सजा बरकरार रखी गई.
- इसके बाद गुजरात सरकार ने इस फैसले के खिलाफ अपील दायर की. बता दें कि अगले साल यानी जनवरी 2025 में 15 तारीख को सुप्रीम कोर्ट में अपील पर सुनवाई होनी है.
'द साबरमती रिपोर्ट' के एक्टर विक्रांत मैसी का क्या है कहना?
एक्टर विक्रांत मैसी ने दैनिक भास्कर दो दिए एक इंटरव्यू में कहा है कि - 28 फरवरी के गुजरात दंगों को पूरी दुनिया ने छापा लेकिन उसके एक दिन पहले हुए गोधरा कांड पर क्या हुआ. इसके बारे में अब भी बहुत ज्यादा बात नहीं होती.
विक्रांत ने आगे ये भी कहा- इस कांड में जिन 59 लोगों की मौत हुई उनमें से 3 के नाम भी लोग नहीं जानते. ये बड़े दुर्भाग्य की बात है.
'द साबरमती रिपोर्ट' के बारे में
इस फिल्म में विक्रांत मैसी के अलावा राशि खन्ना और रिद्धि डोगरा हैं. फिल्म को धीरज सरना ने डायरेक्ट किया है. शोभा कपूर, एकता कपूर, अमूल वी मोहन और अंशुल मोहन ने इसे प्रोड्यूस किया है. 'द साबरमती रिपोर्ट' 15 नवंबर 2024 को सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है.
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