फिल्मों में आने से पहले Kriti Sanon के सामने घरवालों ने रखी थी ये शर्त, पूरी करने के बाद भी नहीं आई एक्ट्रेस के किसी काम
Kriti Sanon Career: कृति सेनन ने साल 2014 में फिल्म 'नेनोक्कडाइन' से एक्टिंग डेब्यू किया था. लेकिन क्या आप जानते हैं कि कृति को एक्टिंग की दुनिया में एंट्री लेने के लिए कितने पापड़ बेलने पड़े थे?
Kriti Sanon Career: कृति सेनन इन दिनों सातवें आसमान पर हैं. दरअसल 69वें नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स में एक्ट्रेस को अपनी फिल्म 'मिमी' के लिए बेस्ट एक्ट्रेस के अवॉर्ड से नवाजा गया है. ऐसे में उन्हें हर तरफ से बधाइयां मिल रही हैं और वे खुशी से फूले नहीं समा रही हैं. 69वें नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स सेरेमनी का आयोजन दिल्ली के विज्ञान भवन में किया गया था जहां एक्ट्रेस अपने पेरेंट्स के साथ अवॉर्ड लेने पहुंची थीं.
कृति सेनन ने साल 2014 में महेश बाबू के साथ फिल्म 'नेनोक्कडाइन' से एक्टिंग डेब्यू किया था. लेकिन क्या आप जानते हैं कि कृति को एक्टिंग की दुनिया में एंट्री लेने के लिए कितने पापड़ बेलने पड़े थे? क्या आप जानते हैं कि एक्टिंग से पहले कृति क्या करती थीं? बहुत कम लोगों को यह बात पता है कि एक्ट्रेस ने बीटेक की पढ़ाई की है.
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घरवालों ने रखी थी ये शर्त
पिंकविला को दिए एक इंटरव्यू में कृति सेनन ने बताया कि जब उन्होंने अपने पेरेंट्स के सामने हीरोईन बनने की ख्वाहिश का इजहार किया तो उनका क्या रिएक्शन था. उन्होंने कहा, 'मैं कॉलेज के थर्ड ईयर में थी और मैंने अपने पेरेंट्स को बताया कि मैं फिल्मों में ट्राई करना चाहती हूं. तो उनका रिएक्शन ऐसा था कि तुम्हें अपना बीटेक कंपलीट करना होगा, तुम्हें डिग्री लेनी पड़ेगी. प्रोटेक्टिव मिडिल क्लास पेरेंट्स की तरह उन्होंने मुझे कहा कि तुम ऐसे बीच में छोड़कर नहीं जा सकतीं.'
कृति ने पेरेंट्स के साथ की थी ये डील
कृति ने आगे कहा, 'मैंने कहा ठीक है मैं अपना बीटेक कंपलीट करूंगी, और मैंने ऐसा किया और साथ ही ऑडिशंस देती रही, मॉडलिंग करती रही. फिर मेरे पेरेंट्स ने कहा कि अगर क्या होगा अगर तुम्हें कोई फिल्म नहीं मिली और मिल भी गई और तुम कामयाब नहीं हुईं, या हो भी गई लेकिन दूसरी फिल्म न मिली, तब तुम क्या करोगी. तब मैंने उनके साथ एक डील की. मैंने उनसे कहा कि मैं GMAT की तैयारी करूंगी. क्योंकि GMAT का स्कोर 5 सालों के लिए वैलिड होता है.'
ऐसे बनाई मुश्किल राह आसान!
एक्ट्रेस ने बताया, 'मैंने वादा किया कि मैं सारे ऑडिशंस भी दूंगी और साथ में GMAT के लिए कोचिंग क्लासेस भी लूंगी. मैं एग्जाम दूंगी और अच्छे नंबरों से पास भी करूंगी. और क्योंकि स्कोर 5 सालों के लिए मान्य होगा तो अगर पीछे मुड़कर देखना भी पड़ा तो मेरे पास यह ऑप्शन रहेगा. तो मैंने दो महीने का ब्रेक लेकर एग्जाम दिया और 710 नंबर हासिल किए जो कि काफी अच्छा स्कोर था. इसके बाद मैंने डिसाइड किया कि बस अब इस स्कोर को साइड रखो और अब मैं वो करूंगी जो मैं वाकई में करना चाहती हूं. शुक्र हैं मुझे आज तक इन स्कोर्स को यूज करने की जरूरत नहीं पड़ी.'
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