Kumar Sanu Unknown Facts: उनकी आवाज सीधे दिल पर असर करती है और आलम यह है कि उनकी आवाज का जादू आज भी हर किसी के दिल पर अपना असर दिखा देता है. यकीनन हम बात कर रहे हैं कुमार सानू की, जिनका जन्म 20 अक्टूबर 1957 के दिन कोलकाता में हुआ था. बर्थडे स्पेशल में हम आपको आवाज के जादूगर की जिंदगी के चंद पन्नों से रूबरू करा रहे हैं.
पापा से सीखे संगीत के गुण
कुमार सानू ने बेहद कम उम्र में ही संगीत का स्वाद चख लिया था. दरअसल, उनके पिता पशुपति भट्टाचार्य संगीतकार थे, जिसके चलते कुमार सानू को संगीत की शिक्षा भी उनसे ही मिली. हालांकि, वह अपना आदर्श किशोर कुमार को मानते हैं और उनके रास्ते पर चलकर ही अपना सफर तय किया. आपको यह जानकर हैरानी होगी कि कुमार सानू ने संगीत की दुनिया में ऐसा मुकाम हासिल किया, जिसकी वजह से उन्हें दूसरा किशोर कुमार कहा जाने लगा.
'जादूगर' ने बना दिया था करियर
पढ़ाई-लिखाई पूरी करने के बाद कुमार सानू स्टेज शो करने लगे. फिल्मी दुनिया में उनका करियर बांग्लादेशी फिल्म से शुरू हुआ, लेकिन साल 1987 के दौरान कुमार सानू की किस्मत उस वक्त चमक गई, जब जगजीत सिंह ने उन्हें फिल्मों में ब्रेक दे दिया. दरअसल, कुमार सानू ने फिल्म जादूगर में कल्याणजी आनंद के साथ गाना गाया था. यहां से कुमार सानू की किस्मत पलट गई.
गानों से कर बैठे 'आशिकी'
कुमार सानू ने अपने करियर में 350 से ज्यादा फिल्मों में गाने गाए, लेकिन उन्हें शोहरत की बुलंदियों पर फिल्म आशिकी ने पहुंचाया. इस फिल्म के गाने इस कदर सुपरहिट रहे कि हर कोई उनकी आवाज का दीवाना बन गया. आपको यह जानकर हैरानी होगी कि कुमार सानू का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज है. दरअसल, उन्होंने एक दिन में 28 गाने रिकॉर्ड करके यह कीर्तिमान बनाया था.
पहली लाइव परफॉर्मेंस पर हुई थी पिटाई
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि पहली लाइव परफॉर्मेंस के लिए कुमार सानू की जमकर पिटाई हुई थी. कुमार सानू ने यह किस्सा द कपिल शर्मा शो में बयां किया था. कुमार सानू ने बताया था कि उन्होंने अपना पहला लाइव परफॉर्मेंस माफिया गैंग के सामने रेलवे ट्रैक पर दिया था. उस वक्त करीब 20 हजार लोग वहां मौजूद थे. कुमार सानू भले ही उस वक्त बेहद डरे हुए थे, लेकिन उनके गाने लोगों को काफी पसंद आए. जब वह इस परफॉर्मेंस के बाद घर पहुंचे, तब उनकी पिटाई भी हुई. दरअसल, उनके पिता को इस लाइव परफॉर्मेंस का पता चला तो वह नाराज हो गए और थप्पड़ भी जड़ दिया था.