लता मंगेशकर ने जताया अरुण जेटली के निधन पर दुख, बताया- गतिशील नेता और सज्जन व्यक्ति थे जेटली
अरुण जेटली को सांस लेने में दिक्कत और बेचैनी की शिकायत के बाद नौ अगस्त को एम्स में भर्ती किया गया था. अरुण जेटली ने खराब स्वास्थ्य के चलते 2019 का लोकसभा चुनाव भी नहीं लड़ा था.
पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली के असमय निधन से राजनीति के साथ-साथ मनोरंजन जगत भी आहत है. जेटली का आज एम्स में निधन हो गया है. वह 66 साल के थे. बता दें कि शुक्रवार को ही उनकी तबीयत काफी बिगड़ गई थी.
देश के पूर्व वित्त मंत्री रहे अरुण जेटली के निधन पर फनाकारों की भी टिप्पणियां आने लगी हैं. भारत रत्न और स्वर कोकिला लता मंगेशकर ने ट्वीट कर जेटली के निधन पर शोक जताया है.
लता मंगेशकर ने ट्वीट में लिखा, ''एक गतिशील नेता, सज्जन व्यक्ति और हमारे पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली जी के निधन से गहरा दुःख हुआ. बहुत विनम्रता से वह मुझसे मिलने आए और हमने बहुत देर तक बात की. वो यादें हमेशा संजोयी जाएंगी. परिवार के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना है.''
Deeply saddened by the sad demise of Arun Jaitley ji. A dynamic leader, a thorough gentleman and our former Finance Minister. Very kindly, he had come over to meet me and we spoke for a long time. Will cherish those memories. Heartfelt condolences to the family. pic.twitter.com/DIhrkgnKms
— Lata Mangeshkar (@mangeshkarlata) August 24, 2019
सौम्य, सुशील, अपनी बात स्पष्टता के साथ कहने वाले और राजनीतिक तौर पर उत्कृष्ट रणनीतिकार रहे जेटली बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए मुख्य संकटमोचक थे जिनकी चार दशक की शानदार राजनीतिक पारी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के चलते समय से पहले समाप्त हो गई.
अपने बहुआयामी व्यक्तित्व, अनुभव और कुशाग्रता के चलते मोदी सरकार के पहले कार्यकाल (2014 से 2019) में जेटली लगभग हर जगह छाए रहे. सरकार की उपलब्धियां गिनाने का मामला हो या सरकार के विवादित फैसलों के बचाव का या फिर विपक्ष पर आक्रामक हमला बोलने की बात हो या 2019 के चुनाव अभियान के लिए 'स्थिरता या अव्यवस्था के बीच चुनने की परीक्षा' का विमर्श तय करना हो, जेटली की भूमिका हर मामले में महत्वपूर्ण थी.
अरुण जेटली को सांस लेने में दिक्कत और बेचैनी की शिकायत के बाद नौ अगस्त को एम्स में भर्ती किया गया था. अरुण जेटली ने खराब स्वास्थ्य के चलते 2019 का लोकसभा चुनाव भी नहीं लड़ा था. उन्होंने वित्त मंत्री रहते हुए अनेक ऐसे फैसले लिए जिसे देश के इतिहास में सालों तक याद किया जाएगा.