लताजी ने एक खास बातचीत में कहा, "मुझे नहीं पता कि यह अफवाह किसने शुरू की और क्यों? मुझे यह किसी खाली बैठे बेवकूफ आदमी का काम लगता है. दो दिन पहले मुझे अचानक मेरी रिटायरमेंट को लेकर संदेश और फोन आने शुरू हो गए."
लता जी हैरान हैं कि ये खबरें कहां से आई. उन्होंने कहा, "मुझे पता चला कि मेरे मराठी गीतों में से एक 'अता विश्व्याछा कसां' को मेरे अलविदा कहने के गीत के रूप में देखा जा रह है. लेकिन मैंने पांच साल पहले उस गीत को गाया था! 2013 में, इस गीत को लेकर संगीत निर्देशक सलील कुलकर्णी मेरे पास आए. मैं इसे मुख्य रूप से गायन करने पर सहमत हुई क्योंकि यह प्रसिद्ध कवि बालकृष्ण भगवंत बोरकर ने लिखा था. मैंने कभी उनकी कविता नहीं गाई थी. मुझे क्या पता था कि पांच साल बाद शरारती दिमाग वाले लोग इसे मेरी रिटायरमेंट से जोड़ेंगे."
लातजी ने अपने प्रशंसकों को आश्वासन दिया कि उनकी रिटायरमेंट की कोई योजना नहीं है. उन्होंने कहा कि वह अपनी आखिरी सांस तक गाती रहेंगी.