Lok Sabha Elections 2024: लोकतंत्र का महापर्व यानि चुनाव जारी है. लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में बीते दिन यानि 7 मई को वोटिंग हुई. इस दौरान 65 फीसदी मतदान प्रतिशत दर्ज किया गया. खबर है कि तीसरे चरण के चुनाव में सबसे ज्यादा वोट असम में 81.61 फीसदी डाले गए. असम में वोटिंग से अमिताभ बच्चन का एक किस्सा याद आता है, जब बिग बी ने राजनीति में उतरने के बाद उससे किनारा कर लिया था और उसके बाद कभी भी पॉलिटिक्स में सक्रिय नहीं रहे. चलिए जानते हैं क्या था वह किस्सा.


दोस्त के लिए मैदान में आए अमिताभ
81 साल के अमिताभ को सदी का महानायक कहा जाता है. वह आज भी उतनी ही फुर्ती से कोई काम करते हैं, जितनी फुर्ती से कोई युवा काम करता है. पांच दशक से ज्यादा के अपने करियर में अमिताभ बच्चन अपने फैंस का दिल जीत चुके हैं. लेकिन एक वक्त ऐसा भी था जब बिग बी के प्रति लोगों का प्यार कम होने लगा था और वह वक्त था जब अमिताभ फिल्मों के बजाय राजनीति में सक्रिय हो गए थे. दरअसल, गांधी परिवार से बच्चन परिवार के पुराने और अच्छे संबंध रहे हैं. राजीव गांधी उनके पारिवारिक दोस्त थे और दोस्त के सपोर्ट में वह मैदान में उतरे थे. 


बोफोर्स के कारण भी छोड़ी राजनीति
8वें लोकसभा चुनाव के दौर में अमिताभ बच्चन के पक्ष में 68 फीसदी वोट पड़े और वह चुनाव जीत गए थे. हालांकि अमिताभ का नाम बोफोर्स घोटाले में आया था, इसके बाद उन्होंने जुलाई 1987 में राजनीति को अलविदा कह दिया था. हालांकि अमिताभ के राजनीति छोड़ने का यह एकमात्र कारण नहीं था. दरअसल असम में एक छोटी सी घटना हुई थी, जिसने अमिताभ बच्चन को सोचने पर मजबूर कर दिया और उन्होंने राजनीति छोड़ दी. इस बात जिक्र खुद अमिताभ ने अपने व्लॉग में किया था. 






असम में गलत जगह उतारना पड़ा प्लेन
अमिताभ ने बताया था असम में कांग्रेस के लिए प्रचार करते वक्त एक गलत फैसले की वजह से उनके हैलीकॉप्टर को गलत जगह पर उतारना पड़ा. यह विपक्ष का काम था. वहां एक रिएक्शन हुआ और पायलेट ने तुरंत एग्जिट करा दिया. इसी बीच एक छात्र सुरक्षा घेरा तोड़कर उनके पास आया और उसने बिग बी को एक कागज का टुकड़ा दिया, जिसपर कुछ लिखा था. 


पेपर पर छात्र ने क्या लिखा था?
छात्र द्वारा दिए गए उस पेपर पर लिखा था, ‘मिस्टर बच्चन मैं आपका बहुत बड़ा फैन हूं, लेकिन मैं विपक्ष के साथ हूं. प्लीज आप यह राज्य छोड़ दें. आप मेरे लिए जिंदगी को कठिन बना रहे हैं, मैं दो इच्छाओं के बीच में फंस गया हूं’. छात्र की इस भावुक अपील ने अमिताभ बच्चन को सोचने पर मजबूर कर दिया. यही वजह थी कि उन्होंने राजनीति छोड़ दी. 


भावनात्मक रूप से लिया था फैसला
अमिताभ ने राजनीति छोड़ने को लेकर सिमी गरेवाल के शो में भी बात की थी. उन्होंने कहा था, मैं राजनेता नहीं था और राजनीति में आने का मेरा फैसला भावनात्मक था. राजीव गांधी और हमारे परिवार का दोस्ताना रहा है, इसी वजह से मैं दोस्त के लिए राजनीति में उतरा था. मैं नौसिखिया था और इसके लायक नहीं था. इसलिए सिर्फ तीन साल में राजनीति छोड़ दी थी.


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