इससे पहले चुनाव आयोग ने 20 मार्च को दो अखबारों को भी नोटिस जारी किया था और 30 मार्च तक इसका जवाब देने के लिए कहा था. हालांकि फिल्म के निर्माताओं का कहना है कि ये फिल्म एक प्रोपेगेंडा फिल्म नहीं है और यदि कोई इस फिल्म का विरोध कर रहा है तो उसे विरोध से पहले फिल्म को देख लेना चाहिए.
दरअसल, आने वाले लोकसभा चुनावों से पहले इस फिल्म की रिलीज पर रोक की मांग करते हुए कांग्रेस चुनाव आयोग पहुंची थी. आयोग के समक्ष अपना प्रतिवदेन देने के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कहा था कि इस फिल्म को बनाने और चुनाव से ऐन पहले इसे रिलीज का मकसद राजनीतिक फायदा उठाना है.
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सिब्बल ने कहा था, ‘‘हमने चुनाव आयोग से कहा है कि प्रधानमंत्री के जीवन पर एक फिल्म बनी है और इसे कुछ चुनाव से कुछ दिनों पहले रिलीज किया जा रहा है. इसका मकसद राजनीतिक फायदा उठाना है. इस फिल्म को बनाने वाले लोगों का ताल्लुक भाजपा से है.’’ एक सवाल के जवाब में उन्होंने दावा किया, ‘‘इस फिल्म का विषय वस्तु, समय और मकसद सब राजनीतिक है.’’
गौरतलब है कि विवेक ओबरॉय अभिनीत ‘पीएम नरेंद्र मोदी’ को आगामी पांच अप्रैल को रिलीज किया जाना है. फिल्म के निर्देशक उमंग कुमार हैं तथा इसके निर्माता सुरेश ओबरॉय एवं संदीप सिंह हैं.