Shershaah Movie: करगिल युद्ध में दुश्मनों के छक्के छुड़ाने वाले कैप्टन विक्रम बत्रा ने खून से भर दी थी प्रेमिका की मांग, बेहद भावुक कर देगी ये प्रेम कहानी
करगिल युद्ध के हीरो रहे कैप्टन विक्रम बत्रा के जीवन पर बनी फिल्म 'शेरशाह' रिलीज हो गई है, इसे काफी अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है, कैप्टन बत्रा और डिपंल चीमा की रीयल लव स्टोरी भावुक कर देगी.
करगिल युद्ध के हीरो रहे कैप्टन विक्रम बत्रा के जीवन पर बनी फिल्म 'शेरशाह' रिलीज हो गई है, और इसे लोगों की तरफ से काफी अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है. इस फिल्म में सिद्धार्थ मल्होत्रा और कियारा आडवाणी मुख्य भूमिका में हैं. ये फिल्म 16 हजार फीट की ऊंचाई पर दुश्मनों के छक्के छुड़ाने वाले एक फौजी और उसकी प्रेम कहानी पर आधारित हैं. कियारा आडवाणी कैप्टन बत्रा की प्रेमिका डिंपल चीमा की भूमिका में हैं. कैप्टन विक्रम बत्रा को सिर्फ उनकी बहादुरी ही अलग नहीं बनाती बल्कि उनकी प्रेम कहानी भी किसी हीरो से कम नहीं हैं.
विक्रम बत्रा करगिल को वो हीरो थे जिन्होने अपनी जान की परवाह न करते हुए 16 हजार फीट की ऊंचाई पर छुपे दुश्मनों के छक्के छुड़ा दिए थे, और अपने साथियों की जान बचाते हुए 7 जुलाई 1999 को शहीद हो गए थे. करगिल में दिखाए अपने अदम्य साहस के लिए कैप्टन विक्रम बत्रा को मरणोपरांत सर्वोच्च वीरता सम्मान परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया था. वीरता के साथ डिपंल चीमा के साथ कैप्टन बत्रा की प्रेम कहानी भी बेहद अनोखी हैं. विक्रम बत्रा ने खून से डिंपल चीमा की मांग भर दी थी. कैप्टन विक्रम बत्रा के शहीद होने के 22 साल के बाद भी डिंपल ने कभी शादी नहीं की.
ये कहानी है साल 1995 की जब विक्रम बत्रा ने पंजाब यूनिवर्सिटी में इंग्लिश में मास्टर डिग्री लेने के लिए दाखिला लिया था. डिंपल चीमा उनकी क्लासमेट थीं. पढ़ाई के दौरान ही दोनों की दोस्ती हो गई. दोनों अक्सर घूमने जाया करते थे और अपना ज्यादातर वक्त एक दूसरे के साथ ही बिताते थे. डिंपल चीमा ने क्विंट से बात करते हुए बताया कि वो अक्सर मनसा देवी मंदिर और गुरुद्वारा श्री नाडा साहब जाते थे. उन्होंने बताया कि एक बार मनसा देवी दर्शन के दौरान विक्रम ने अचानक डिंपल से कहा, 'बधाई हो मिसेज बत्रा' क्या आपको नहीं पता कि ये चौथी बार है जब हम मंदिर की परिक्रमा कर रहे हैं. इस पर डिंपल हैरान रह गई. विक्रम का ये अंदाज उनके रिश्ते के प्रति समर्पण भाव को दिखा रहा था. 1996 में जब उनका इंडियन मिलिट्री एकेडमी में सलेक्शन हुआ तो वो बहुत खुश हुए थे.
डिंपल ने बताया कि एक बार तो विक्रम ने उनसे लगभग शादी कर ही ली थी. वो उनके साथ कहीं घूमने गईं थी. दोनों शादी के बारे में बातें कर रहे थे तभी उन्होंने अपने पर्स से एक ब्लेड निकाला और अपना अंगूठा काटकर उनकी मांग भर दी. ये उनके जीवन का सबसे कीमती पल था. जिसे वो आजतक भुला नहीं पाईं हैं. वो आज भी खुद को उनसे अलग नहीं कर पाईं हैं. डिंपल ने आज तक शादी नहीं की.
करगिल युद्ध के दौरान कैप्टन विक्रम बत्रा को 5140 प्वाइंट को दुश्मनों से आजाद करने की जिम्मेदारी मिली थी, 20 जून 1999 उन्होंने इस मुश्किल लड़ाई को जीतकर फतह हासिल की. जीत के बाद उन्होंने इस चोटी से ‘यह दिल मांगे मोर’ का नारा दिया था जो पूरे देश का नारा बन गया था. इसी दौरान विक्रम के कोड नाम शेरशाह के साथ ही उन्हें ‘कारगिल का शेर’ की भी संज्ञा दे दी गई.
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