Bollywood Kissa: हिंदी सिनेमा के मशहूर गीतकार आनंद बख्शी को कौन नहीं जानता. गीतकार ने हिंदी सिनेमा को कई हिट और बेहतरीन गाने दिए हैं. उनके लिखे नगमें आज भी लोगों की जुबान पर चढ़े हुए हैं. भले ही आनंद बख्शी इस दुनिया में नहीं है. लेकिन उनके गानें आज भी लोगों के दिलों में जिंदा है. आज हम आपको आनंद बख्शी की जिंदगी से जुड़ा एक मजेदार किस्सा बताने जा रहे हैं. 


बचपन में शरारती हुआ करते थे आनंद बख्शी
आनंद बख्शी ने 1962 से लेकर 2002 तक करीब 600 से ज्यादा फिल्मों के लिए तकरीबन 3300 से ज्यादा गाने लिखे हैं. उनके गानों के बोल में जा जादू है वो आज भी लोगों के दिमाग पर चढ़ा हुआ है. आनंद बख्शी के गानें में भले ही खूब सादगी हो लेकिन वो असल जिंदगी में बहुत ही शरारती हुआ करते थे. एक दिन उन पर उनकी शरारत काफी भारी पड़ गई थी. 


जब आनंद बख्शी को भारी पड़ी थी शरारत
एक बार आनंद बख्शी को एक गिलास दूध पीने के चक्कर में काफी पिटाई झेलनी पड़ी थी. जी हां, ये बात है 1943 की आनंद बख्शी अपने रावलपिंडी के दोस्त ( जो अब पाकिस्तान में है) के साथ मिलकर खूब शरारत करते थे. उन्हें बचपन से ही गाने बजाने का भी काफी शौक था. एक दिन वो अपने दोस्तों के साथ मिलकर अपनी स्कूल की किताबें बेच कर मुंबई की ट्रेन पकड़ने वाले थे, लेकिन दोस्त नहीं आए. 


अब इस बात का पता जब परिवार को लगा तो जाहिर तौर पर आनंद बख्शी की पिटाई हुई और उन्हें जम्मू के बोर्डिंग स्कूल भेज दिया गया. आनंद बख्शी की शरारत की वजह से ही उनके परिवार ने उन्हें बोर्डिंग स्कूल भेजने का फैसला लिया था.  यहां आते ही साल की शुरुआत में आनंद बख्शी ने मुक्केबाज क्लास में एडमिशन लिया था. 


दूध के लिए टीचर ने की थी आनंद बख्शी की पिटाई
इस मुक्केबाजी में रोज बच्चों के एक गिलास दूध मिलता था. लेकिन मुक्केबाजी सिखाने वाले टीचर का सीखाने का अंदाज काफी जालिमाना था. वो तब तक एक बच्चे को मारते थे जब तक वो बेहोश नहीं हो जाता था. लेकिन आनंद बख्शी का इसमें नंबर ही नहीं आया. आनंद बख्शी ने खुद खुलासा करते हुए बताया था कि- मैं रोज किसी न किसी तरह टीचर से बच जाता था और एक गिलास दूध पी लेता था. लेकिन एक दिन उन्होंने मुझे देख लिया और फिर मुझे इतना मारा कि मैं बेहोश हो गया था. बस उसके बाद से मैंने कभी भी फ्री का दूध नहीं पिया. 

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