Madhoo: एक्ट्रेस मधु ने अजय देवगन के साथ साल 1991 में फिल्म 'फूल और कांटे' से अपना बॉलीवुड डेब्यू किया था. इसके बाद उन्होंने 'रोज़ा', 'योद्धा', 'ज़ालिम', 'यशवंत' जैसी कई हिट फिल्मों में शानदार प्रदर्शन किया था. हालांकि फिल्मों में मनपसंद रोल न मिलने की वजह से उन्होंने 90 के दशक में फिल्म इंडस्ट्री को अलविदा कह दिया था.
बॉलीवुड पर भड़कीं मधु
हाल ही में एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि फिल्म इंडस्ट्री में एक्टर की उम्र अगर ज्यादा भी रहती है तो उन्हें मेन लीड मिल जाता है, लेकिन एक्ट्रेसेज को उम्र बढ़ने पर मां का रोल मिलने लगता है. चैन्नई में एक इवेंट के दौरान उन्होंने कहा कि उन्हें बड़े पर्दे पर अजय देवगन की मां बनने में कोई दिलचस्पी नहीं है. उन्होंने कहा कि दोनों एक ही उम्र के हैं और उन्होंने साथ में ही 'फूल और कांटे' फिल्म से अपना डेब्यू किया था.
मिल रहे ऑफर्स से खुश नहीं थीं
उन्होंने कहा कि 90 के दशक में हीरो के पास सारे एक्शन सीन होते थे और उन्हें बस डांस करने , चंद रोमांटिक लाइन्स बोलने या पेरेंट्स के साथ आंसू बहाने के लिए रखा जाता था. उन्होंने कहा कि उन्हें डांस करना तो पसंद था, लेकिन रोज़ा के बाद उन्हें जिस तरह के रोल मिले, वह करना उन्हें पसंद नहीं था. उन्होंने कहा कि वह दमदार काम करने में यकीन रखती हैं. मधु का कहना है कि जब उन्होंने हिंदी सिनेमा में काम करना शुरू किया तो उन्हें संतुष्टि नहीं मिलती थी. इंडस्ट्री में 9-10 साल काम करने बाद उन्होंने इस इंडस्ट्री को छोड़ दिया था.
शादी से पहले सबको लिखी चिट्ठी
जब मधु शादी करने वाली थीं तो उन्होंने इंडस्ट्री के लोगों को चिट्ठी लिख कर इंडस्ट्री छोड़ने के अपने इरादे को बताया था. हालांकि अब मधु को लगता है कि उन्होंने नादानी में वो काम किया था, लेकिन उस समय उन्हें लगता था कि इंडस्ट्री के लोगों को उनकी वैल्यू नहीं है.
दमदार रोल की तलाश में हैं मधु
इंडस्ट्री छोड़ने के बाद मधु को समझ आया कि बतौर कलाकार उनकी क्या पहचान है. उन्हें अब काम में वापस जाकर ऐसा किरदार करने की जरूरत लगी, जहां वह अपने आप को एकदम अच्छे से एक्सप्रेस कर सकें.
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