खुली जगह पर बदले कपड़े, पत्थरों पर सोई... पुराने दिनों में ऐसे होती थीं फिल्म की शूटिंग, एक्ट्रेस ने किया खुलासा
Madhoo Remebered Old Shooting Days: फिल्मों की शूटिंग के लिए आज वैनिटी वैन की सुविधा मौजूद है. लेकिन एक दौर में ऐसी सुविधाएं नहीं थीं. इस बारे में 90s की एक एक्ट्रेस ने अपना एक्सपीरियंस शेयर किया है.
Madhoo Remebered Old Shooting Days: आम लोगों की दुनिया हो या फिल्म इंडस्ट्री, वक्त के साथ हर दौर में चीजें बदलती आई हैं. फिल्मों की शूटिंग के लिए आज वैनिटी वैन की सुविधा मौजूद है जहां कलाकार अपने कपड़े बदल सकते हैं, ब्रेक पर आराम कर सकते हैं. लेकिन एक दौर में एक्टर्स के पास ऐसी सुविधाएं नहीं थीं. इसे ही लेकर 90s की पॉपुलर एक्ट्रेस ने बात की है और उस दौर का शूटिंग एक्सपीरियंस भी शेयर किया है.
फिल्म 'फूल और कांटे' फेम एक्ट्रेस मधू ने बेहद कम वक्त में काफी स्टारडम कमा लिया. लेकिन वे बहुत जल्द स्क्रीन से गायब भी हो गईं. अब एक्ट्रेस फिर से फिल्मों में नजर आ रही हैं. हाल ही में मधू ने आज और 90 के दशक में शूटिंग के दौरान मिलने वाली सुविधाओं में फर्क बताया है. उनके मुताबिक पुराने समय में स्टार्स को बुनियादी सुविधाओं की कमी का सामना करना पड़ता था.
'वो सबसे शर्मनाक वक्त था...'
इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए मधू ने कहा- 'यह एक सच्चाई है. यह सबसे मुश्किल दौर में से एक था और मैं कोलाची में लाल गुफाओं में बैठकर और नेचर का सामना करने के लिए पहाड़ों और पेड़ों के नीचे बैठकर तमिल फिल्मों की शूटिंग कर रही थी और वो सबसे शर्मनाक वक्त था. जिस तरह के कपड़े हम उस गर्मी में नाचने के लिए पहनते थे और फिर उन कपड़ों को बदलते थे, हमें नहीं पता था कि कौन देख रहा है, यह बहुत मुश्किल था.'
पत्थरों पर सोईं एक्ट्रेस!
मधू ने आगे कहा- 'अब वो सब नहीं होता. आप कह सकते हैं कि आपको मेकअप वैन चाहिए और आपको अपनी प्राइवेसी मिलेगी. एक समय था जब मैं मणिरत्नम सर के साथ इरुवर (1997) की शूटिंग कर रही थी और हम तमिलनाडु में कहीं शूटिंग कर रहे थे. मुझे वह जगह ठीक से याद नहीं है, लेकिन खाने के बाद ब्रेक में मैं वहां पत्थरों पर सो रही थी और मैंने किसी को यह कहते हुए सुना कि इतना पैसा कमाने का क्या फायदा, जब पत्थरों पर सोना पड़ रहा है. एक फीमेल आर्टिस्ट के लिए तो वो दिन मुश्किल थे.'
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