First A Rated Film Of India: इंडियन फिल्म इंडस्ट्री में अब किसिंग सीन और वल्गर सीन्स की भरमार होना आम हो गया है. अब हर साल दर्जनों A-Rated फिल्में सिनेमाघरों और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर रिलीज होती हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि बॉलीवुड की पहली वो फिल्म कौन-सी है जिसे सीबीएफसी ने 'ए' सर्टिफिकेट दिया था?
भारत की पहली 'ए' रेटेड फिल्म आज से 75 साल पहले यानी 1950 में सिनेमाघरों में आई थी. इस फिल्म को केबी लाल ने डायरेक्ट किया था जिसका नाम 'हंसते आंसू' था. केबी लाल ने 1949 में 'हंसते आंसू' बनाने की अनाउंसमेंट की थी. कहने तो ये एक फैमिली कॉमेडी- ड्रामा थी, लेकिन सीबीएफसी ने इसे वयस्क कंटेंट वाली फिल्म करार दिया था.
डबल मीनिंग टाइटल के चलते मिला ए सर्टिफिकेट
'हंसते आंसू' में मधुबाला लीड रोल में थीं, तब एक्ट्रेस की उम्र महज 16 साल थी. फिल्म में उनके साथ मोतीलाल, गोप और मनोरमा भी अहम भूमिका अदा करते दिखाई दिए थे. जब फिल्म सीबीएफी के पास सर्टिफिकेशन के लिए गई तो बोर्ड ने फिल्म के घरेलू अत्याचार दिखाने और डबल मीनिंग टाइटल के चलते 'ए' सर्टिफिकेट दिया. इस तरह 'हंसते आंसू' भारत की पहली 'ए' रेटेड फिल्म बन गई.
क्या थी फिल्म की कहानी?
'हंसते आंसू' की कहानी की बात करें तो ये ऊषा नाम की एक लड़की के बारे में थी, जिसका पति कुमार उसका शारीरिक शोषण करता है. ऐसे में ऊषा अपना घर छोड़ देती है और अपने दम पर महिलाओं के अधिकारों के लिए लड़ती है. उस दौर के हिसाब से ऐसे टॉपिक पर फिल्म बनाना एक बड़ी बात थी. फिल्म में उषा एक फैक्ट्री में काम करती है. ऐसे में कई दर्शकों ने फिल्म पर आरोप लगाया कि ये महिलाओं को गलत तरीके से दिखाती है और पारिवारिक मूल्यों पर हमला करती है.
'हंसते आंसू' का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन
तमाम विरोध के बावजूद 'हंसते आंसू' को बॉक्स ऑफिस पर कामयाबी मिली. कई हफ्तों तक सिनेमाघरों में ये फिल्म देखने के लिए दर्शकों का हुजूम उमड़ा रहा और ये बॉक्स ऑफिस पर एवरेज कलेक्शन के साथ कामयाब रही.
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