Maha Kumbh 2025: शंकर महादेवन से कैलाश खेर और शान तक, महाकुंभ 2025 में अपनी परफॉर्मेंस से समा बांधेंगे ये सेलेब्स
Maha Kumbh 2025: महाकुंभ मेले का आगाजा 13 जनवरी से हो जाएगा. बता दें कि यूपी सरकार ने इस आयोजन में परफॉर्म करने के लिए शान और कैलाश खेर कहित कई कलाकारों को न्यौता भेजा है.
Maha Kumbh 2025: महाकुंभ मेला को दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से माना जाता है. हर 12 साल बाद कुंभ मेले को आयोजित किया जाता है लेकिन इस बार 13 जनवरी से 26 फरवरी तक उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के त्रिवेणी संगम पर महाकुंभ मेले का ओयाजन किया जा रहा है. ऐसे में उत्तर प्रदेश सरकार ने इस धार्मिक आयोजन में परफॉर्म करने के लिए देश भर के पॉपुलर कलाकारों को न्यौता भेजा है. चलिए जानते हैं महाकुंभ 2025 में कौन कौन से सेलेब्स परफॉर्मेंस देंगे?
शंकर महादेवन की परफॉर्मेंस से होगा महाकुंभ मेले का आगाज
कल्चरल मिनीस्ट्री की प्रेस रिलीज के मुताबिक, शंकर महादेवन, कैलाश खेर और शान जैसे सिंगर भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम में परफॉर्म करने के लिए तैयार हैं. ओपनिंग डे पर शंकर महादेवन अपनी परफॉर्मेंस से महाकुंभ का आगाज करेंगे. आखिरी दिन मोहित चौहान कार्यक्रम का समापन करेंगे. इनके अलावा भी देशभर से आए कलाकार महाकुंभ मेले के दौरान अपनी कला को दिखाएंगे.
कौन से कालाकार कब करेंगे परफॉर्म
कैलाश खेर, शान मुखर्जी, हरिहरन, कविता कृष्णमूर्ति, कविता सेठ, ऋषभ रिखीराम शर्मा, शोवना नारायण, डॉ. एल सुब्रमण्यम, बिक्रम घोष और मालिनी अवस्थी जैसे कलाकार भी महाकुंभ में परफॉर्म करेंगे.
- जहां शान 27 जनवरी को महाकुंभ में समा बांधेंगे.
- वहीं हरिहरन की परफॉर्मेंस 10 फरवरी को होगी,
- उसके बाद कैलाश खेर का प्रदर्शन 23 फरवरी को होगा.
- प्रेस रिलीज के मुताबिक इन कलाकारों की परफॉर्मेंस महाकुंभ मेले में भक्तों के लिए एक मंत्रमुग्ध माहौल तैयार करेगा.
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महाकुंभ मेले में कलाकारों की कहां होगीं परफॉर्मेंस?
ये परफॉर्मेंस कुंभ मेला मैदान में गंगा पंडाल में होंगे. कल्चरल डांस, फोक म्यूजिक और ड्रामैटिक आर्ट्स वाले ये इवेंट्स भक्तों और विजिटर्स को भारत की रिच कल्चर का दर्शन कराएंगे, साथ ही आध्यात्मिक और आर्टिस्टिक एक्सपीरियंस भी देंगे.
बता दें कि2025 का महाकुंभ मेला 12 सालों के बाद आयोजित किया जा रहा है और इस आयोजन में 45 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है. महाकुंभ के दौरान श्रद्धालु पवित्र डुबकी लगाने के लिए संगम पर इकट्ठा होंगे.