नई दिल्ली : संजय दत्त को उनके कौन से अच्छे बर्ताव के लिए जेल से सहूलियत दी गई? हाल ही में यह सवाल पुछते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने जेल प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठाया था. इस मामले में राज्य सरकार ने अब कोर्ट में जवाब दिया है.



महाराष्ट्र सरकार ने जेल से संजय दत्त की 8 महीने पहले ही रिहाई और जेल में VIP ट्रीटमेंट दिए जाने के आरोपों पर जांच के आदेश दिए हैं. महाराष्ट्र सरकार के मुताबिक अगर जांच में यह बात साबित होती है कि संजय दत्त को जेल में VIP ट्रीटमेंट मिला है तो उन्हें दोबारा जेल जाना पड़ सकता है. राज्य सरकार के मुताबिक दत्त के लिए अगर फर्लो या पैरोल के नियम तोड़ गए हैं तो सरकार को अभिनेता को वापस जेल भेजने में कोई ऐतराज नहीं है.

बता दें कि सामाजिक कार्यकर्ता प्रदीप भालेकर ने इस मामले में हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. याचिकाकर्ता का आरोप है की सजा के दौरान ज्यादातर संजय दत्त पैरोल या फर्लो पर जेल से बाहर रहे. ऐसे मे उनका बर्ताव किस तरह अच्छे कैदियों की श्रेणी मे गिना गया?

गौरतलब है कि संजय दत्त को अवैध हथियार रखने के जुर्म मे 5 साल की सजा हुई थी. जिसमें से 18 महीने की सजा वह पहले ही काट चुके थे. बाकी बची सजा उन्होंने कुछ महीने पहले ही पुरी की है. लेकिन सजा के दौरान लगभग 118 दिन संजय दत्त पैरोल और फर्लो पर जेल से बाहर रहे.

वहीं संजय दत्त को 8 महीने पहले ही जेल से रिहा कर दिया गया था. 5 साल की सजा पाए दत्त 4 साल 3 महीने और 14 दिन ही जेल में काटकर रिहा हो गए थे.

बता दें कि कि 1993 मुंबई धमाके में संजय को गैर-कानूनी हथियार रखने का दोषी पाया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 5 साल की सजा सुनाई थी जिसमें डेढ़ साल की जेल संजय नब्बे के दशक में ही काट चुके थे. 2013 में पुणे की येरवडा जेल से संजय 90 दिन और बाद में 30 दिन की पैरोल पर भी रिहा हुए थे.

आपको यह भी बताते चलें कि संजय दत्त की जीवनी पर मशहूर डायरेक्टर राजकुमार हिरानी फिल्म बना रहे हैं. अभिनेता रणबीर कपूर फिल्म में संजय दत्त की भूमिका निभा रहे हैं.