(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर पर बनी ये फिल्म देखी? देख लीजिए Tinder में हुक-अप करना भूल जाएंगे
Movie on Extra Marital Affair: शादीशुदा होने के बावजूद पति सोता था किसी और महिला के साथ. फिल्म की कहानी ऐसे ही एक शादीशुदा रिश्तों की परत खोलती है.
Movie on Extra Marital Affair: फिल्म मेकर महेश भट्ट ने आज से करीब 42 साल पहले ऐसी फिल्म बना दी थी, जो आज के जमाने में भी उतनी ही रिलेवेंट है. टिंडर के जमाने में 34 साल पुरानी फिल्म का रिलेवेंट होना अपने आप में एक बड़ी बात है. इस फिल्म का नाम है 'अर्थ', जिसे कल्ट का दर्जा मिला हुआ है.
इसे 20 अक्टूबर को मामी फिल्म फेस्टिवल में दिखाया जाना है. टिंडर के जमाने में बदलते रिश्तों के मायनों और एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर पर बनी ये फिल्म बेहद अलग सिनेमा दिखाती है. ऐसे में जानते हैं कि ये फिल्म आज भी क्यों खास है.
पति-पत्नी के रिश्ते पर बनी संवेदनशील फिल्म
ये फिल्म पति-पत्नी के रिश्तों को बेहद संजीदगी और संवेदनशील तरीके से समझाती है. फिल्म में कुलभूषण खड़बंदा उस पति के रोल में हैं जो अपनी पत्नी शबाना आजमी के होते हुए भी एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर में है.
शबाना को ये बात पता है कि वो स्मिता पाटिल के निभाए गए किरदार के साथ सो रहा है. इसके बाद, पत्नी को एक इंडिपेंडेंट महिला के रूप में विकसित होते देखना, फिल्म की खासियत है.
फिल्म में एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर करने के बावजूद फिल्म में पति इंदर फिर भी विलेन नहीं है. वो अपनी पत्नी से इस बारे में खुलकर बात करता है और शादी को किसी घने अंधेरे में नहीं छोड़ता. दूसरी महिला के पति के साथ संबंध रखने के बावजूद स्मिता पाटिल का किरदार नेगेटिव नहीं है. वो भी एक मोड़ पर आकर अपने फैसलों से ये साबित करती है.
फिल्म ने रिलीज होते ही तारीफें बटोरी थीं. फिल्म में स्मिता पाटिल और शबाना आजमी को दमदार किरदार निभाते देखा गया था. इस फिल्म के लिए शबाना को बेस्ट एक्ट्रेस का नेशनल अवॉर्ड भी मिला था.
फिल्म के रेस्टोरेशन करने की जरूरत पर बात
IANS के मुताबिक, फिल्म का रेस्टोरेशन एनएफडीसी-एनएफएआई ने किया है. ये रेस्टोरेशन राष्ट्रीय फिल्म हेरिटेज मिशन (एनएफएचएम) के तहत किया गया है. ये मिशन सूचना और प्रसारण मंत्रालय की एक पहल है, जिसका उद्देश्य भारत की समृद्ध सिनेमाई विरासत को डिजिटाइज करने के साथ इसे संजो कर रखना है.
ताकि आने वाले समय में अर्थ जैसी बेहतरीन और आइकॉनिक फिल्में खो न जाएं. इस फिल्म के 35 मिमी रिलीज प्रिंट को 4K रिजॉल्यूशन में डिजिटलाइज किया गया है. फिल्म के ऑडियो में सिंक जो समस्याएं थीं, उन्हें भी सही किया गया है.
महेश भट्ट ने क्या कहा?
आईएएनस ने महेश भट्ट के हवाले से लिखा है कि- ये फिल्म मेरे जीवन की नब्ज और धड़कन है, जो इमोशन्स और बिना फिल्टर सच को दिखाती है. महेश भट्ट ने आगे ये भी कहा है कि- फिल्म को मामी फिल्म फेस्टिवल में स्क्रीनिंग किया जा रहा है जिससे नई पीढ़ी को ऐसी कहानी का अनुभव कराएगी जो उतनी ही रिलेवेंट आज भी है जितनी तब थी. उन्होंने फिल्म को संरक्षित करने के लिए एनएफएआई टीम का आभार भी व्यक्त किया है.
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