Mahesh Bhatt On His Father: फिल्म निर्माता महेश भट्ट अपनी जिंदगी के हर पहलू के बारे में खुलकर बात करते नजर आते हैं. हाल ही में उन्होंने अपने बचपन से जुड़ी कुछ कड़वी यादें साझा की हैं. उन्होंने बताया कि कैसे हालातों के चलते उन्हें एक 'नाजायज बच्चे' के रूप में देखा जाता था. अरबाज खान के चैट शो 'द इनविंसिबल्स' के एक नए एपिसोड में, महेश भट्ट ने खुलासा किया कि कैसे उनकी मां को अपनी पहचान छुपानी पड़ी और एक मुस्लिम होने के बावजूद एक हिंदू की तरह रहना पड़ा.


समझा जाता था नाजायज


यहां बता दें कि महेश भट्ट जो एक मुस्लिम मां और एक हिंदू पिता के विवाह से पैदा हुए थे, ने उस समय के बारे में बात की जब उन्हें 'नाजायज बच्चे' के रूप में कलंकित किया गया था. उन्होंने कहा, "मेरा जन्म 1948 में हुआ था, यह आजादी के बाद का भारत था और मेरी मां शिया मुस्लिम थीं, लेकिन हम शिवाजी पार्क में रहते थे जहां अधिकांश लोग हिंदू थे और उन्होंने अपनी पहचान छुपाई और साड़ी पहनी, टीका लगाया.”


महेश भट्ट ने कहा कि उनके घर को 'नाजायज घर' कहा जाता था. अपने पिता के बारे में बताया कि वो एक फिल्म निर्माता थे जो अंधेरी में अपने दूसरे परिवार के साथ रहते थे. महेश भट्ट ने कहा, “जब वह हमारे घर आए, तो मुझे लगा जैसे कोई बाहरी व्यक्ति आया हो. मेरा सामना ऐसे लोगों से होता जो मुझे एक कोने में रख देते और मुझसे मेरे पिता के बारे में पूछते.'' उन्होंने यह भी कहा कि जब तक उन्होंने अपने जन्म और अपने पिता के बारे में झूठ नहीं बोला, तब तक उन्हें इसी तरह परेशान किया जाता था.






इस दौरान उन्होंने अपनी पहली कमाई के बारे में भी बात की. उन्होंने कहा कि 15 या 16 साल की उम्र में अपनी पहली कमाई के बारे में बात करते हुए, जो कि 53 रुपये थी, महेश ने कहा, "मुझे याद है कि मैं इसे अपनी मां के पास लाया था और मैं गर्व के साथ उनके पास गया और मैंने कहा 'पैसे'. उसने देखा इसे और उसने इसे अपने ब्लाउज में रखा और कहा 'इसको माई अपने कलेजे के पास रखूंगी.'


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