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Monday Motivation: कार एक्सीडेंट से चेहरा हुआ खराब, ब्रेस्ट कैंसर ने भी लिया गिरफ्त में फिर भी हर जंग जीती, विक्टिम नहीं विक्टर की कहानी

Monday Motivation: ऐसी बीमारी से जूझना जिसमें आपको ये न पता हो कि सर्जरी के बाद वापस आएंगे भी या नहीं? काफी डरावना है, लेकिन जिंदगी वो कमाल चीज है जिसे जिंदादिली से जिया जाए तो क्या कुछ नहीं हो सकता.

Monday Motivation: वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन के डेटा के मुताबिक, 2023 तक हर साल दुनियाभर में 2 करोड़ 30 महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर होता है. और इसकी वजह से हर साल होने वाली मौतों का आंकड़ा करीब 6 लाख 85 हजार है. वेबसाइट पर डिप्रेशन को लेकर भी ऐसा ही भयानक डेटा है. डेटा के मुताबिक, 2015 तक दुनियाभर में 30 करोड़ लोग डिप्रेशन का सामना करते हैं और इसकी वजह से 8 लाख से ज्यादा आत्महत्याएं होती हैं.

अगर आप सोच रहे हैं कि ये भयानक डेटा स्टोरी शुरू होते ही क्यों बताया जा रहा है, तो उसकी वजह हैं बॉलीवुड की परदेस गर्ल महिमा चौधरी. दार्जीलिंग में पैदा हुई महिमा चौधरी वो एक्ट्रेस हैं, जिनकी बॉलीवुड में कमाल की एंट्री हुई थी. इसके बाद वो कई बुरी चीजों से जूझीं, लेकिन कभी हिम्मत नहीं हारी. आज वो दूसरों के लिए वही कर रही हैं जो सालों पहले उन्होंने खुद के लिए किया था. और वो स्पेशल चीज है जज्बा बनाए रखना. अब वो लोगों के बीच जागरूकता फैलाने का काम भी बड़े मन से कर रही हैं, ताकि किसी की कीमती जिंदगी बच सके.

 
 
 
 
 
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महिमा चौधरी ही क्यों?
कार हादसा: महिमा चौधरी की बॉलीवुड में सुभाष घई की फिल्म 'परदेस' से एंट्री हुई थी. फिल्म जितनी पसंद की गई उतनी पसंद महिमा चौधरी भी की गईं. अगर ये कहें कि एक ही फिल्म से वो टॉप एक्ट्रेस बन गई थीं तो गलत नहीं होगा. लेकिन, कठिनाइयां और परेशानियां न तो टाइम पूछकर आती हैं और न ही बताकर. महिमा चौधरी के पास ऑफर ही ऑफर थे. लेकिन वो कार हादसे का शिकार हो गईं. पूरे चेहरे पर कांच के टुकड़े घुस गए. वो ऐसा दौर था जब मैगजीन्स पर महिमा के फेस को लेकर 'स्कारफेस' जैसे शब्द इस्तेमाल किए जाने लगे. उन्हें लगा कि अब उनका कमबैक कभी नहीं हो पाएगा. वो डिप्रेशन और फ्रस्ट्रेशन में रहने लगीं.

कैंसर से जूझीं: इसके सालों बाद महिमा के लिए फिर से चुनौती भरे दिन आ गए. साल 2021-22 के दौरान उन्हें पता चला कि वो ब्रेस्ट कैंसर जैसी बीमारी की गिरफ्त में आ गई हैं. बॉलीवुड बबल को दिए इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि ये बुरी खबर उन्हें जब पता चली तो उन्हें लगा कि सब कुछ उनके साथ ही क्यों होता है. महिमा बताती हैं कि उनकी मां पार्किंसंस बीमारी से जूझ रही हैं और पापा की हार्ट से संबंधित समस्या है. इसी दौरान कोविड भी फैल रहा था और दुनियाभर में लोग डरे सहमे हुए थे. ऐसे में जब आपको ये पता चले कि आप इतनी खतरनाक बीमारी से जूझ रहे हैं तो मानसिक तौर पर आप टूट जाते हैं.

निजी जिंदगी की समस्याएं: इतना ही नहीं महिमा का उनके पति से साल 2013 में तलाक भी हो चुका है. उनकी एक बेटी है और सिंगल मदर महिमा उसकी परवरिश कर रही हैं. एक्सीडेंट के बाद और कैंसर के पहले महिमा चौधरी के दो मिसकैरेज भी हो चुके हैं और उसके बाद तलाक. इस तरह से महिमा की पर्सनल लाइफ बड़े उतार-चढ़ाव वाली रही. लेकिन, वो हिम्मत नहीं हारीं और उन्होंने इन सभी कठिनाइयों का सामना किसी साहसी योद्धा की तरह किया. इसलिए, महिमा के बारे में बात करनी जरूरी है.

हंसती-खेलती दार्जीलिंग की लड़की बन रही है दूसरों के लिए सपोर्ट
एबीपी न्यूज को दिए इंटरव्यू में महिमा ने बताया था कि वो ब्रेस्ट कैंसर पर जागरूकता फैलाने वाले कैंपेन से जुड़ी हुई हैं. उन्होंने इंटरव्यू के दौरान कई जानकारी वाली बातें बताईं जैसे उन्होंने बताया कि इंडिया में लोग जांच नहीं कराते, जबकि विदेशों में जांच कराते रहते हैं. इसलिए, वहां इसके बारे में जल्द पता चल जाता है. उन्होंने सलाह भी दी कि ये बड़ी उम्र की महिलाओं के साथ-साथ कम उम्र की लड़कियों में भी फैलती है इसलिए इसे लेकर सजग होने की जरूरत है. महिमा ने कहा कि मैं चाहती हूं कि लोग मेरी जर्नी से समझें और मेरे अनुभवों का फायदा उठाएं और जाने कि बीमारी के बारे में शुरुआती दौर में ही पता चलना कितना जरूरी है.

महिमा के साथ अजय देवगन और अनुपम खेर जैसे सपोर्टिंग लोगों के बारे में भी जानना चाहिए
महिमा चौधरी ने जो जंग लड़ी उसमें वो कभी अकेली नहीं रहीं. इसलिए उन लोगों के बारे में भी बात करना जरूरी है जो ऐसी स्थिति में आपके साथ खड़े हों. क्योंकि ऐसी स्थिति में आपके दोस्त, परिवार वाले या कोई अनजान ही काम आता है जो बुरे दौर से निकालने में मदद करता है. ऐसे लोगों में अजय देवगन और अनुपर खेर दोनों ही शामिल हैं. महिमा का कार एक्सीडेंट तब हुआ था जब वो 1999 में अजय देवगन की फिल्म 'दिल क्या करे' कर रही थीं. इस दौरान अजय देवगन ने उन्हें अच्छे से अच्छे डॉक्टर को दिखाया और उनका हौसला बुलंद रखने में उनकी मदद करी. महिमा को लगता था कि अब उनके चेहरे के निशान की वजह से उनका कमबैक नहीं हो पाएगा. ऐसे में अजय उन्हें समझाते थे कि चिंता मत करो एक दिन सब कुछ ठीक हो जाएगा.

यही काम अनुपम खेर ने तब किया जब महिमा चौधरी को कैंसर हुआ था. उन्होंने सबसे पहले वीडियो डालकर इसके बारे में दुनिया को बताया. अनुपम ने जब महिमा को फिल्म ऑफर की तो उन्होंने मना कर दिया और कहा कि मेरे सिर पर बाल नहीं हैं मुझे कैंसर है. शायद मैं ये नहीं कर पाउंगी. ऐसे में अनुपम ने कहा कि मेरे सिर पर एक भी बाल नहीं हैं और मैंने 500 से ज्यादा फिल्में कर लीं. इसके बाद महिमा ने न सिर्फ वो फिल्म साइन की, बल्कि उसके बाद भी कई फिल्मों में नजर आईं.

कैंसर के समय का दर्द
इंटरव्यू के दौरान महिमा ने बताया था कि जब उन्हें सर्जरी के लिए ले जाया जाता था तो उन्हें लगता था कि पता नहीं वो वापस आ पाएंगी या नहीं. लेकिन मुझे एंजेलिना जोली की याद आई कि उन्होंने भी ये जंग जीती है. इसलिए, मैं भी जीतूंगी. एक बेटी की मां का रिस्पॉन्सिबिलिटी, बीमार मां-बाप की देखभाल करने वाली रिस्पॉन्सिबल बेटी और ग्लैमरस वर्ल्ड में फिर से छाने की कोशिश...इन सबने महिमा को जिंदगी की हर जंग जीतने में मदद की. और आज वो न सिर्फ ग्लैमर वर्ल्ड में फिर से एक्टिव हैं बल्कि ब्रेस्ट कैंसर उबरकर इससे जुड़ी जागरूकता फैलाने का काम भी कर रही हैं. 

ऐसा नहीं है कि हम सभी किसी परेशानी का सामना नहीं करते. इसलिए, अगर आपके सामने ऐसी कोई भी शारीरिक, मानसिक, सामाजिक या करियर से संबंधित परेशानी आती है. तो परेशान होने की जरूरत नहीं है. महिमा चौधरी भी अगर परेशानियों को लेकर दिल छोटा कर लेतीं, तो क्या वो ये जंग जीत पातीं? सिर्फ एक चीज याद रखिए दुनिया और जिंदगी दोनों खूबसूरत हैं. बस आपको उसकी खूबसूरती देखने के लिए महिमा चौधरी मजबूत महिला की कहानी याद करनी है.

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