Birthday Special: इस एक्टर ने ऑफबीट सिनेमा कर बनाई पहचान, होती है एक्टिंग की तारीफ फिर भी नहीं मिलते लीड रोल
Birthday Special: इस एक्टर ने जैसी फिल्में की हैं, वैसी फिल्में करना और फिर उनसे पहचान भी बनाना. ये सब मेहनत के साथ खतरे का काम भी है. उसके बावजूद इस एक्टर ने अभी तक हार नहीं मानी है.
Birthday Special: फिल्म इंडस्ट्री में कई ऐसे चेहरों को मौका मिलना शुरू हो गया है, जो सिर्फ अपनी एक्टिंग के दम पर मुकाम हासिल करते हैं. फिल्म 'सम्राट पृथ्वीराज' के मोहम्मद गोरी यानी मानव विज उन्हीं एक्टर्स में से एक हैं. पंजाब के फिरोजपुर में 2 जनवरी 1977 को जन्मे मानव विज को बॉलीवुड में मौका काफी समय बाद मिला है. उसके पहले वो पंजाबी फिल्मों और टीवी की दुनिया में जाना-माना चेहरा बन चुके थे.
कल यानी 2 जनवरी को मानव का बर्थडे है. ऐसे में यहां जानेंगे एक छोटी सी जगह से आए मानव विज की यात्रा कैसी रही और उनमें ऐसा क्या खास है जो उन्हें बॉलीवुड के वॉन्टेड एक्टर्स में से एक बनाता है.
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टीवी से लेकर फिल्मों तक का सफर
मानव विज ने लुधियाना के मेडिकल कॉलेज से होम्योपैथी की डिग्री ली है, लेकिन उन्होंने डॉक्टरी के पेशे को प्राथमिकता न देकर एक्टिंग को प्राथमिकता दी. मानव को पहली फिल्म 'शहीद-ए-आजम' में क्रांतिकारी सुखदेव का रोल ऑफर हुआ और उन्होंने इसे हाथ से नहीं जाने दिया. साल 2002 में रिलीज हुई इस फिल्म के बाद उन्होंने कई पंजाबी फिल्मों के अलावा तेलुगु फिल्मों में भी काम किया.
हिंदी दर्शकों के बीच उनको पहली बार 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' से पहचान मिली. यही उनका पहला टीवी सीरियल था और उन्हें जॉयदीप साहिल विरानी के तौर पर घर-घर में पहचाना जाने लगा. इसके बाद, मानव ने 'परछाई','किस देश में है मेरा चांद'और 'मितवा फूल कमल के' जैसे कई सीरियल्स में काम किया.
फिल्म इंडस्ट्री में पहचान बनाने में लग गए सालों
मानव ने भले ही 2002 में पहली बार फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा हो, लेकिन उन्हें आम दर्शकों के बीच पहचान उनकी हाल के कुछ सालों में रिलीज हुई फिल्मों से मिली. उन्हें क्रिटिकली अक्लेम्ड फिल्म 'अंधाधुंध' में क्रिटिक्स ने ध्यान से देखा. हालांकि, उसके पहले वो रंगून, फिल्लौरी जैसी दूसरी फिल्मों में नजर आ चुके थे.
खतरा उठाकर बनाया नाम
फिल्म इंडस्ट्री में अगर आप स्टार नहीं हैं तो आपको कुछ ऐसे रोल्स जरूर करने होंगे, जिनसे आप अपनी अलग छवि बना पाएं. इतिहास भी यही बताता है, लेकिन ये खतरा उठाना हर बार किसी के लिए फायदेमंद ही हो ऐसा जरूरी तो नहीं. लेकिन मानव में वो दम है. उन्होंने ऐसे रोल के लिए हामी भरी जो काफी इंट्रेस्टिंग और कठिन थे. उन्हें पसंद भी किया गया. 'अंधाधुंध' के करप्ट पुलिस वाले के रोल से लेकर 'लाल कप्तान' और 'वध' जैसी एकदम ऑफबीट फिल्म में उनके नेगेटिव किरदारों को अलग से पहचान मिली.
अलग तरह की फिल्मों में काम कर बनाया अलग मुकाम
'अंधाधुंध', 'लाल कप्तान', वध और हाल में ही आई 'बिरहा' ये सभी फिल्में कंटेंट के लिहाज से ऐसी हैं कि देखने वाला बस देखता रह जाए. मानव की ये सभी फिल्में ऑफबीट कही जा सकती हैं. सैफ जैसे बड़े स्टार के होने के बावजूद 'लाल कप्तान' फ्लॉप साबित हुई. फिल्म अच्छी थी लेकिन नहीं चली. ऐसे में किसी फ्लॉप फिल्म से भी अगर किसी को फायदा हो सकता है तो ये बड़ी बात है. मानव विज एक बार फिर से क्रिटिक्स की नजर में आ गए.
हालांकि, मानव विज ने अपनी एक्टिंग का भले ही लोहा मनवाया हो लेकिन इसके बावजूद वो मेनस्ट्रीम फिल्मों में लीड कैरेक्टर की तरह नजर नहीं आए. हो सकता है आने वाले दिनों में उनके हाथ कोई ऐसा रोल लग जाए.