Mandira Bedi Unknown Facts: सिनेमा की दुनिया में बहुमुखी सितारों की कमी नहीं है. लेकिन बहुत ही कम ऐसे होते हैं, जो सभी जगहों पर अपना जादू चलाने में सफल रहते हैं. उन्हीं में से एक हैं मंदिरा बेदी. रूपहले पर्दे से लेकर क्रिकेट फील्ड तक अपना जलवा बिखरने वाली मंदिरा की खूबसूरती के साथ-साथ फिटनेस इतनी कमाल है कि सभी की आंखें खुली की खुली रह जाती हैं.
51 साल की हो चुकी मंदिरा को आज भी देखकर कोई उनकी उम्र के नंबर पर यकीन नहीं कर पाता है. सभी के दिलों पर आज तक राज कर रही इस हसीना के जन्मदिन के मौके पर हम आपको उनकी जिंदगी के सफर पर ले जाने के लिए तैयार हैं. तो बिना देर किए अपनी कुर्सी की पेटी बांध लीजिए, क्योंकि यह गाड़ी कभी छोटे पर्दे पर पहुंचेगी तो कभी फिल्मी दुनिया में और तो और कभी इस सफर में चौके-छक्कों के साथ तालियों की गड़गड़ाहट भी सुनाई दे सकती है.
रंगीन दुनिया को चुना करियर
अपने माता-पिता का नाम रोशन करने वाली मंदिरा का जन्म 15 अप्रैल 1972 के दिन कोलकाता में हुआ था. बंगाली बाला के पिता का नाम वीरेंद्र सिंद बेदी था तो मां का नाम गीता बेदी था. मंदिरा का जन्म बेशक कोलकाता में हुआ, लेकिन उन्होंने अपनी पढ़ाई-लिखाई मुंबई से पूरी करने का फैसला किया था. स्कूल, कॉलेज और पोस्ट ग्रेजुएशन में महारत हासिल करने के बाद मंदिरा ने अपने करियर के लिए सिनेमा की रंगीन दुनिया को चुना, जिससे उनके परिवार का दूर-दूर तक कोई ताल्लुक नहीं था. अभिनेत्री के करियर के चुनाव को उनके माता-पिता का सपोर्ट मिला और वह निकल पड़ीं अपना नाम बनाने.
यह था मंदिरा का पहला ब्रेक
मंदिरा को ऑडिशन देने के बाद पहला ब्रेक साल 1994 में डीडी नेशनल के बहुचर्चित सीरियल से मिला, जिसका नाम 'शांति' था. अपने पहले ही किरदार से मंदिरा लोगों के दिलों में कुछ इस तरह बस गईं कि सब उन्हें स्क्रीन पर देखना पसंद करने लगे थे. 'शांति' में सफलता पाने के मंदिरा का सफर छोटे पर्दे पर तेजी से बढ़ने लगा था. वह 'औरत', 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी', 'इंडियन आइडल', 'फेम गुरुकुल', 'डील या नो डील' आदि सीरियल्स में भी नजर आईं. मंदिरा अपने हर किरदार में छाप छोड़ती चली गईं.
फिल्मी सफर नहीं रहा दमदार
टीवी पर 'शांति' से छाने के बाद मंदिरा के हाथ अगले ही साल बॉलीवुड फिल्म 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' लगी. शाहरुख खान, काजोल स्टारर इस फिल्म में अपनी मासूमियत से मंदिरा ने लोगों का दिल चुरा लिया. यहीं से मंदिरा के फिल्मी सफर की शुरुआत हुई थी. हालांकि, मंदिरा को टीवी की दुनिया में जो मुकाम मिला, वह बॉलीवुड में पाने के लिए हमेशा तरसती रहीं. हालांकि, मंदिरा शांत बैठने वालों में से नहीं थीं. बड़े पर्दे पर कामयाबी नहीं मिलने के बाद भी अभिनेत्री का हौसला कम नहीं हुआ और उन्होंने होस्टिंग में हाथ आजमाने का फैसला किया.
जब माइक थामकर पाया मुकाम
मंदिरा ने 2003 में आईसीसी वर्ल्ड कप के लिए पहली बार माइक थामा और यहीं से उनका नाम क्रिकेट की दुनिया में छा गया. इसके बाद वह बैक टू बैक क्रिकेट फील्ड पर होस्टिंग करती नजर आईं. कभी चैंपियंस ट्रॉफी तो कभी सोनी मैक्स के लिए आईपीएल-2 में उन्होंने अपनी आवाज के साथ ही साड़ियों का जलवा बिखेरा. मंदिरा बेदी आईपीएल होस्ट करने वाली पहली महिला एंकर थीं. स्पोर्ट्स से अभिनेत्री का लगाव इतना बढ़ गया कि उन्होंने साल 2014 में खुद का स्पोर्ट्स ब्रैंड भी लॉन्च किया.