Birthday Special: गांव में नहीं था थिएटर और जेब में नहीं थे पैसे, आसान नहीं था मनोज बाजपेयी का येे फिल्मी सफर
बिहार के पश्चिमी चंपारण के छोटे से गांव बेलवा में जन्मे मनोज बाजपेयी ने अपनी जिंदगी में काफी स्ट्रगल किया. मनोज का जन्म पश्चिमी चंपारण जिले के नरकटियागंज के छोटे से गांव बेलवा में 1969 को हुआ.
आज बॉलीवुड एक्टर मनोज बाजपेयी अपना 51वां जन्मदिन मना रहे हैं. मनोज बाजपेयी इस समय अपने परिवार के साथ उत्तराखंड में हैं और लॉकडाउन के चलते वहीं फंस गए हैं. लेकिन वो इस बात को लेकर खुश हैं कि उनका परिवार इस समय उनके साथ है.
आज भले ही मनोज बाजपेयी फिल्म इंडस्ट्री का जानामाना चेहरा हैं, लेकिन उनका यहां तक सफर इतना आसान नहीं था. बिहार के पश्चिमी चंपारण के छोटे से गांव बेलवा में जन्मे मनोज बाजपेयी ने अपनी जिंदगी में काफी स्ट्रगल किया. मनोज का जन्म पश्चिमी चंपारण जिले के नरकटियागंज के छोटे से गांव बेलवा में 1969 को हुआ. उनके पिता किसानी किया करते थे.
बचपन से ही बनना था एक्टर
मनोज बाजपेयी ने बचपन में ही तय कर लिया था कि उन्हें एक एक्टर बनना है. 17 साल की उम्र में उन्होंने इस बात का ऐलान कर दिया था. मनोज बताते हैं कि वो एक्टिंग तो पहले से ही करना चाहते थे लेकिन अमिताभ बच्चन स्टारर 'जंजीर' देखने के बाद उन्हें लगा कि वो अब एक्टिंग के अलावा कुछ और नहीं कर पाएंगे. जिस समय उन्होंने एक्टर बनने का सपना सजा लिया था उस दौरान उनके अपने गांव में थिएटर नहीं हुआ किया करते थे. लेकिन उन्होंने मन बना लिया था और उन्होंने इसके लिए लिटरेचर का सहारा लिया था.
मनोज बाजपेयी ने अपने पिता को बताए बिना ही दिल्ली आने का फैसला ले लिया था. इस पर उनके पिता काफी नाराज हुए थे. साथ ही उनके पिता ने कहा था कि वो उनकी पढ़ाई का खर्च नहीं उठा पाएंगे. ऐसे में मनोज ने कहा था कि वो अपना खर्च खुद उठा लेंगे. आपको यहां बता दें कि तब तक मनोज ने अपने पिता को ये भी नहीं बताया था कि वो एक्टिंग करने के लिए दिल्ली जा रहे हैं. मनोज के पिता चाहते थे कि वो डॉक्टर बनें लेकिन वो बचपन से ही एक्टिंग करना चाहते थे.
टीवी से की शुरुआत
अपने करियर की शुरुआत मनोज बाजपेयी ने 1995 में दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाले सीरियल 'स्वाभिमान' में काम करने से की थी. रुपहले परदे पर मनोज बाजपेयी शेखर कपूर की चर्चित फिल्म 'बैंडिट क्वीन' में नजर आए, इस फिल्म में मनोज बाजपेयी ने डाकू मान सिंह का किरदार निभाया था. हालांकि मनोज बाजपेयी की तरफ दर्शकों का ध्यान उस वक्त गया जब वो रामगोपल वर्मा की फिल्म 'सत्या' में भीखू म्हात्रे के विलेन के किरदार में नजर आए.
मनोज बाजपेयी के करियर की दूसरी सक्सेसफुल फिल्म 'शूल' थी जिसमें उन्होने एक ईमानदार पुलिस ऑफिसर का किरदार निभाया था जो करप्शन और गुंडागर्दी से लड़ता है.मनोज बाजपेयी को कॉमर्शियल फिल्मों की बजाए लीक से हट कर फिल्में करने के लिए जाना जाता है.फिल्म 'सत्या' और 'शूल' के लिए मनोज बाजपेयी को दो बार नेशनल फिल्म अवार्ड भी मिल चुका हैं.
दो बार हो चुकी है शादी
आपको बता दें कि मनोज बाजपेयी की दो शादियां हुईं हैं. पहली शादी उनकी साल 1990 में हुई थी. हालांकि उनकी ये शादी ज्यादा लंबी नहीं चल पाई थी. इसके बाद उन्होंने साल 2006 में बॉलीवुड एक्ट्रेस शबाना रजा के साथ हुई. जिससे उनकी एक बेटी भी है और अब दोनों साथ में काफी खुश हैं. आपको बता दें कि शबाना को नेहा के नाम से भी जाना जाता है.