मुंबई: अभिनेता मनोज बाजपेयी का मानना ​​है कि शायद ही कोई देश है, जहां स्थानीय लोगों और प्रवासियों के बीच तनाव ना देखने को मिले और उनकी आगामी फिल्म ‘भोंसले’ की कहानी इसी द्वंद के इर्द गिर्द घूमती है.


देवाशीष मखीजा के निर्देशन में बनी यह फिल्म मुंबई की पृष्ठभूमि पर है, जिसकी कहानी एक सेवानिवृत्त पुलिस कॉन्स्टेबल पर केंद्रित है, जो प्रवासियों को स्थानीय नेताओं के खिलाफ आवाज उठाने में मदद करता है.


बाजपेयी का कहना है कि इस फिल्म में साम्प्रदायिक भेदभाव, क्षेत्रीय भेदभाव और महिलाओं के खिलाफ अपराध जैसे समसामायिक मुद्दों के बारे में प्रभावशाली संदेश है.


बाजपेयी ने एक इंटरव्यू में कहा, ‘‘यह फिल्म क्षेत्र और धर्म की तर्ज पर विभाजित हमारी सामाजिक प्रणाली के बारे में बात करती है. यह महिलाओं की सुरक्षा, अकेलेपन और बुजुर्ग लोगों की सेवानिवृत्ति के बाद की स्थिति के बारे में बात करती है. यह प्रवासियों के मुद्दों के बारे में भी बात करती है.”


अभिनेता ने कहा कि ‘भोंसले’ का उद्देश्य दर्शकों को इस विभाजित समाज में लोगों के व्यवहार के बारे में दिखाना है. 2018 में बुसान इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में ‘भोंसले’ का प्रीमियर हुआ और कई अन्य समारोहों में प्रदर्शित किए जाने के बाद अब इस फिल्म का प्रसारण सोनी लाइव पर किया जा रहा है.


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