फिल्म- मरजावां


स्टारकास्ट - सिद्धार्थ मल्होत्रा, तारा सुतारिया, रितेश देशमुख, रकुलप्रीत सिंह, Nassar और रवि किशन


डायरेक्शन- मिलाप जावेरी 


रेटिंग - ** (2)


फिल्म के ट्रेलर को देखने के बाद ही आपको 70 और 80 के दशक की मिथुन चक्रवर्ती और एंग्री यंगमैन अमिताभ बच्चन की याद आ गई थी. फिल्म में सिद्धार्थ मल्होत्रा एक बार फिर पर्दे पर एंग्री यंग मैन को जीवंत करने की कोशिश करते नजर आए. बॉलीवुड में लंबे समय बाद ऐसी लार्जर देन लाइफ और या यूं कहें कि बॉलीवुड के हीरो वाली फिल्म आई है. बॉलीवुड के हीरो से हमारा मतलब है, वो जो न तो हारता है, न ही मार खाता है और अकेला ही 100 लोगों से लड़ने की हिम्मत रखता है.


फिल्म निर्देशक मिलाप जावेरी की अगर पिछली कुछ फिल्मों को देखें तो उनमें भी उन्होंने अपनी फिल्म के हीरो को लार्जर देन लाइफ ट्रीटमेंट ही दिया है. यहां हम जॉन अब्राहम स्टारर फिल्म 'सत्यमेव जयते' की बात कर रहे हैं. मिलाप जावेरी ने इस फिल्म को फुल मसाला हिंदी फिल्म बनाने की कोशिश की है जिसमें भारीभरकम डायलॉग, खूब सारे गाने, खूबसूरत हीरोइन और हीरो के रूप में अच्छा क्रिमिनल. ये सब इस फिल्म में मिलने वाला है. हालांकि इस सब के चक्कर में कहानी जरा घुटने टेकती नजर आती है.



कहानी


ये कहानी है रघु (सिद्धार्थ मल्होत्रा) की जो की एक अनाथ है जिसे अन्ना (नस्सर) गटर के पास से उठाकर लाए थे और उसे पाल-पोस कर एक शानदार क्रिमिनल बनाते हैं. अन्ना का एक बौना बेटा है विष्णु (रितेश देशमुख) जो कि रघु से बहुत चिढ़ता है और अपने पिता से दूर करना चाहता है. रघु अपनी क्राइम की दुनिया में एक के बाद एक आगे बढ़ रहा है..तभी उसकी मुलाकात जोया (तारा सुतारिया) से होती है. जोया कश्मीरी लड़की के किरदार में जो बोल नहीं सकती. धीरे-धीरे जोया और रघु एक दूसरे के करीब आने लगते हैं, इनकी नजदीकियों से विष्णु के साथ-साथ आरजू (रकुलप्रीत सिंह) को भी अच्छी नहीं लगती. आरजू कोठे पर नाचने वाली हैं और वो रघु से प्यार भी करती हैं. रघु से विष्णु का टकराव बढ़ता है और फिर हालात कुछ ऐसे बन जाते हैं कि रघु को अपने हाथों से जोया को मारना पड़ता है. इसके बाद वो किस तरह विष्णु से बदला लेता है, इसके लिए आपको फिल्म देखनी होगी.


एक्टिंग


फिल्म में लगभग सभी किरदारों ने एक्टिंग अच्छी की है. सिद्धार्थ मल्होत्रा ने पर्दे पर एंग्री यंग मैन को बखूबी उतारा है. वहीं, तारा सुतारिया ने भी अच्छी एक्टिंग की है. इसके अलावा रितेश देशमुख विलेन के अवतार में खूब जचे हैं. उन्होंने अपनी एक्टिंग से अपने किरदार में एक नई जान भर दी है. इसके अलावा नस्सर, रवि किशन, रकुल प्रीत और बाकी की सपोर्टिंग कास्ट ने भी एक्टिंग अच्छी की है.


निर्देशन


फिल्म की कहानी और एक्टिंग को छोड़ दें तो इस फिल्म को इसका सबसे कमजोर पहलू निर्देशन ही है. मिलाप जावेरी इस फिल्म को क्या ट्रीटमेंट देना चाह रहे थे ये फिल्म देखने के बाद समझना थोड़ा मुश्किल है. उससे भी ज्यादा कमजोर पहलू ये है कि कहानी फास्ट फॉर्वर्ड में भागती है. जिसके चलते इसका एक भी किरदार खुद को कहानी में स्थापित नहीं कर पाता. आपको पहले सीन से लेकर आखिरी सीन तक फिल्म की कहानी को प्रीडिक्ट कर सकते हैं. इसके अलावा इसके किरदारों को बेहद ही कमजोर तरीके पर्दे पर उतारा गया है.



म्यूजिक


फिल्म का म्यूजिक ही इसकी जान है. फिल्म में बैकग्राउंड म्यूजिक भी मजेदार दिया गया है. फिल्म के गाने पहले ही फैंस की जुबां और चार्ट बस्टर लिस्ट में लगातार टिका हुआ है. फिल्म में कुल पांच गाने रखे गए हैं और पांचों ही अच्छे हैं. फिल्म का मैलोडी सॉन्ग तुम ही आना जो कि जुबीन नौटियाल ने गाया है फैंस को खासा पसंद आ रहा है. इसके अलावा किन्ना सोहणा भी बेहद खूबसूरत गाना है. इसके अलावा एक तो कम जिंदगानी, हैय्या हो हैय्या दो डांस नंबर हैं.



रिव्यू 


फिल्म की कहानी एक लवस्टोरी है जिसमें एक बुरे काम करने वाला लेकिन अच्छा हीरो है, दूसरी ओर एक बेहद खूबसूरत और नेक दिल हीरोइन है. दोनों को आपस में प्यार होता है, लेकिन क्योंकि हीरो क्राइम की दुनिया से जुड़ा हुआ है ऐसे में उसके आकाओं को ये बात रास नहीं आती. कहानी में कुछ नए विलेन्स की एंट्री होती है और हीरो-हीरोइन अलग हो जाते हैं. फिल्म की कहानी और इसके डायलॉग्स इसकी कमजोरी है. फिल्म में एक्टर्स ने अपना 100 पर्सेंट दिया है लेकिन फिर भी कहानी आपके दिल को नहीं छूती. इसके अलावा फिल्म के किरदार खुद को कहीं भी स्टैब्लिश नहीं कर पाते हैं. फिल्म में रकुलप्रीत सिंह और रवि किशन का क्या किरदार था और उन्हें फिल्म में क्यों रखा गया था.. ये समझ से परे है.