हॉस्पिटल से Meena Kumari की डेड बॉडी तक लेने के लिए परिवार के पास नहीं थे पैसे, फिर हुआ था ये चमत्कार!
Meena Kumari Financial Crisis: मीना कुमारी अपने तलाक के बाद डिप्रेशन में चली गई थी और शराब की लत का शिकार हो गईं. वे काफी समय तक कोमा में रहीं और 31 मार्च 1972 को 38 साल की उम्र में दुनिया से चली गईं.

Meena Kumari Financial Crisis: मीना कुमारी का नाम 20वीं सदी की हसीन और टॉप एक्ट्रेसेस में शुमार किया जाता है. एक बेहतरीन एक्ट्रेस होने के बावजूद उन्हें अपनी जिंदगी के आखिरी दिनों में फाईनेंशियल क्राइसिस से गुजरना पड़ा. अपने तलाक के बाद मीना कुमारी डिप्रेशन में चली गईं और शराब की लत का शिकार हो गईं. इसी वजह से उनकी सेहत बिगड़ती चली गई और आखिरकार सिर्फ 38 साल की उम्र में उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया.
मीना कुमारी को लिवर सिरोसिस था. अपनी फिल्म 'पाकीजा' की रिलीज के एक महीने बाद ही वो दुनिया से चली गईं. वे काफी समय तक कोमा में रहीं और 31 मार्च 1972 को उन्होंने आखिरी सांस ली. अपने आखिरी दिनों में पैसों की तंगी से जूझ रहीं एक्ट्रेस के परिवार की हालत ये थी कि वे उनका इलाज तक न करा सके. मीना कुमारी के मौत के बाद हॉस्पिटल से उनकी डेड बॉडी लेने के लिए भी उनके पास 3500 रुपए नहीं थे.
फिजिशियन ने अदा की थी रकम
साल 2014 में रेडिफ़ को दिए एक इंटरव्यू में जाने-माने निर्देशक, बिमल रॉय की बेटी, रिंकी रॉय भट्टाचार्य ने खुलासा किया कि मीना कुमारी का परिवार उनकी डेड बॉडी लेने के लिए भी पैसे देने में असमर्थ था. ऐसे में मीना कुमारी के फैंस ही उनके काम आए.
जहां मीना कुमारी ने लाखों दिलों पर राज किया वहीं अस्पताल के अंदर भी उनके एक काफी फैंस थे. जब मीना के शव के लिए उनके परिवार को 3500 रुपए की जरूरत पड़ी तो अदाकारा के फिजिशियन ने ही उस रकम का भुगतान किया. रिंकी ने कहा, 'यह एक चमत्कार था जब उसके फिजिशियन ने परिवार को राहत दी.'
आर्थिक तंगी से था एक्ट्रेस का बुरा हाल
इससे पहले रेडिफ को ही दिए एक इंटरव्यू में लता मंगेशकर ने मीना कुमारी के बारे में बात की. उन्होंने बताया कि वह अपने दोस्त की बिगड़ती सेहत के बारे में जानने के बाद उससे मिलने गई थीं. तब मीना ने गर्मजोशी से उनका स्वागत किया और उन्हें चाय ऑफर की. हालांकि लता जी ये आसानी से समझ सकती थीं कि एक्ट्रेस के पास उनकी गर्मजोशी के अलावा उन्हें देने के लिए कुछ नहीं है.
मीना से मिलने गई थीं लता मंगेशकर
लता ने बताया, 'मुझे पता चला कि वह बेहद बीमार थीं. जब मैं फूल लेकर उसके घर पहुंची तो उसने कहा, 'अल्लाह, आप यहां आईं, मैं बड़ी खुश-किस्मत हूं.' हमने बात की. उसने मुझसे चाय के लिए पूछा, हालांकि मुझे लगा कि उस हालत में वह अपनी गर्मजोशी के अलावा मुझे कुछ भी देने की स्थिति में नहीं थी. कुछ समय बाद उसका निधन हो गया.'
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