त्योहार की होर्डिंग पर छाप दी एडल्ट फिल्म स्टार मिया खलीफा की फोटो, जानें क्या है पूरा मामला
Mia Khalifa Photo On Aadi Festival Hoardings: तमिलनाडु में आदि त्योहार के मौके पर मिया खलीफा की फोटो वाली होर्डिंग लोगों को हैरान कर रही है. हालांकि मिया खलीफा का इस त्योहार से कोई लेना-देना नहीं है.
Mia Khalifa Photo On Aadi Festival Hoardings: तमिलनाडु के कांचीपुरम में एक मंदिर के होर्डिंग पर एडल्ट फिल्म स्टार मिया खलीफा की फोटो दिखने से लोग काफी हैरान हैं. यह होर्डिंग देखते ही देखते सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है और इसकी लोगों ने बहुत आलोचना की है. हालांकि इस बात की जानकारी पुलिस को दी जाने के बाद होर्डिंग्स को वहां से हटा दिया गया है. आइये जानते हैं कि पूरा मामला क्या है.
वायरल हो रही मिया खलीफा की होर्डिंग
तमिलनाडु के कुरुविमलाई में नागाथम्मन और सेल्लियम्मन मंदिरों में आदि त्योहार को भव्य तरीके से मनाने के लिए बड़े-बड़े आयोजन करने की योजना बनाई गई थी. इसमें रंगीन लाइट्स और होर्डिंग्स लगाकर लोगों को आमंत्रित किया जाना था. इसी बीच एक होर्डिंग ने सभी का ध्यान खींचा, जिसमें मिया खलीफा की तस्वीर छपी हुई थी. यह होर्डिंग देखते ही देखते सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है.
पुलिस ने कार्रवाई करते हुए हटाई होर्डिंग
मिया खलीफा की तस्वीर का इस त्योहार से कोई संबंध नहीं है. ऐसे में कांचीपुरम में एक मंदिर के होर्डिंग पर उनकी फोटो दिखाई देना लोगों को हैरान कर रहा है. हालांकि इस फोटो को एडिट किया गया है. फोटो में लग रहा है कि वह 'पालु कुदम' लिए हुए हैं. 'पालु कुदम' दक्षिण में दूध से भरे बर्तन को कहते हैं, जिसे त्योहार के दौरान देवताओं को अर्पित किया जाता है. यहां पर यह पारंपरिक प्रसाद का हिस्सा है. होर्डिंग लगाने वाले लोगों ने यह तय किया कि उनकी तस्वीर भी इसमें दिखाई दे. हालांकि तस्वीर के वायरल होने के बाद मगराल पुलिस को सूचित किया गया, जिसके बाद कार्रवाई करते हुए पुलिस ने होर्डिंग को हटा दिया है.
तमिलनाडु में क्यों मनाते हैं आदि त्योहार
आदि तमिलनाडु का एक त्योहार है, जिसे बारिश और नदियों की पूजा के लिए मनाया जाता है.यह त्योहार मां अम्मन (पार्वती) के मंदिरों में कई दिनों तक चलता है. इसमें लोग मां अम्मन की पूजा-अर्चना करते हैं, भजन-कीर्तन करते हैं और विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेते हैं. आदि त्योहार तमिलनाडु की संस्कृति और परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो लोगों को एकता और उत्साह के साथ जोड़ता है. इस दौरान लोग नदियों के किनारे पूजा-पाठ करते हैं और अपनी सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना करते हैं.
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