अब तक की शायद सबसे धांसू वेब सीरीज में से एक ‘मिर्ज़ापुर’ का अगला सीजन 23 अक्टूबर को अमेज़न प्राइम पर रिलीज होने वाला है. दर्शकों के दिलों-दिमाग पर बेहद गहरी छाप छोड़ चुकी ‘मिर्ज़ापुर’ की पॉपुलैरिटी का आलम यह है कि इसके ट्रेलर को यूट्यूब पर अब तक 2.5 करोड़ से ज्यादा लोगों ने देख डाला है. ऐसे में ‘मिर्ज़ापुर-2’ के रिलीज होने से पहले क्यों ना इस  वेब सीरीज का छोटा सा रीकैप हो जाए…



यह कहानी है मिर्ज़ापुर के डॉन और कालीन व्यापारी ‘कालीन भईया’ (पंकज त्रिपाठी) की, जिनकी मर्ज़ी के बिना यहां पत्ता तक नहीं हिलता है. कालीन भईया के सुपुत्र हैं ‘मुन्ना भईया’ (दिव्येंदु शर्मा) और सारे फसाद की जड़ या यूं कहें कि सारा रायता इन्हीं का फैलाया हुआ है. दरअसल, हुआ कुछ यूं कि एक रात नशे में चूर मुन्ना भईया एक बारात में जबरन एंट्री ले लेते हैं और मौज मस्ती में गोली चला देते हैं जो सीधे दूल्हे को लगती है और बारात मातम में बदल जाती हैं.



इस घटना के बाद दूल्हे के घर वाले एक वकील, रमाकांत पंडित (राजेश तैलंग) से संपर्क करते हैं, इस उम्मीद में कि उन्हें न्याय मिलेगा. लेकिन मुन्ना भईया को जब ये बात पता चलती है तो वो जा पहुंचते हैं, वकील के घर उन्हें धमकाने. जहां, वकील के दो बेटे गुड्डू पंडित (अली फज़ल) और बबलू पंडित (विक्रांत मैसी) मुन्ना भईया की जमकर पिटाई करते हैं. यहीं से इस वेब सीरीज में ट्विस्ट आता है और कालीन भईया गुड्डू और बबलू को अपने घर बुलाकर उन्हें अपने साथ काम करने के लिए राज़ी कर लेते हैं.



कालीन भईया की छत्र छाया में गुड्डू और बबलू काफी तरक्की करते हैं. कालीन भईया का कट्टों का व्यापार चल निकलता है, लेकिन इन सबके बीच मुन्ना भईया के मन में अपने पिता सहित गुड्डू और बबलू के लिए नफरत बढ़ती जाती है. मुन्ना की नफरत की एक वजह और भी थी जिसका नाम था ‘स्वीटी’, वही स्वीटी जिससे मुन्ना भईया प्यार करते थे, लेकिन स्वीटी को गुड्डू भईया पसंद थे. गुड्डू और स्वीटी की शादी की खबर मुन्ना भईया के सीने में खंजर की तरह उतर गई थी.


‘मिर्ज़ापुर’ की कहानी आगे बढ़ती है और कालीन भईया के दुश्मन ‘रति शंकर शुक्ला’ को उनके ही इलाके ‘जौनपुर’ में गुड्डू भईया गोली मार देते हैं. इस घटना के बाद कालीन भईया और गुड्डू, बबलू में खटास आ जाती है. इस बीच मुन्ना भईया, गुड्डू और बबलू के खिलाफ साजिश रचने में कामयाब हो जाते हैं और अपने पिता कालीन भईया पर ही अटैक करवा देता हैं. इस हमले में कालीन भईया तो बच जाते हैं, लेकिन इस अटैक का ठीकरा गुड्डू भईया के सिर फोड़ दिया जाता है. जिसके बाद कालीन भईया गुड्डू और बबलू को ठिकाने लगाने का आदेश दे देते हैं.



कहानी उस समय खूनी हो जाती है जब शबनम की शादी में मुन्ना भईया कत्लेआम मचा देते हैं. मुन्ना के निशाने पर गुड्डू-बबलू, स्वीटी डिम्पी पंडित (गुड्डू और बबलू की बहन) और गोलू होते हैं. इस हमले में जहां बबलू और स्वीटी मारे जाते हैं, वहीं गुड्डू भईया, डिम्पी और गोलू जैसे तैसे बच जाते हैं. मिर्ज़ापुर का अगला सीजन यही से शुरू होना है.