(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
जब मिस वर्ल्ड मानुषी छिल्लर ने भी बनाए थे खुद सेनेट्री पैड
मिस वर्ल्ड 2017 मानुषी छिल्लर भी पीरियड्स को लेकर देश भर में जागरुखता लाने का काम कर रही हैं.
नई दिल्ली: अक्षय कुमार की फिल्म 'पैडमैन' के चलते इन दिनों चर्चा का सबसे बड़ा मुद्दा पैड्स और पीरियड्स बना हुआ है. ऐसे में मिस वर्ल्ड 2017 मानुषी छिल्लर भी पीरियड्स को लेकर देश भर में जागरुखता लाने का काम कर रही हैं. बड़ी बात ये हैं वो ऐसा अकेले नहीं कर रहीं बल्कि मिस वर्ल्ड 2016 स्टेफनी डेल भी इस काम में पूरी तरह उनका साथ दे रही हैं. इसके साथ ही इन दोनों के साथ छह मिस वर्ल्ड कॉन्टिनेंटल विजेता भी इस काम में उनका यहयोग कर रही हैं.
पीरिड्स के दौरन सवच्छता को लेकर मानुषी मिस वर्ल्ड बनने से पहले काफी पहले से जागरुखता फैलाना चाहती थीं. देश भर में करीब 70 प्रतिशत महिलाएं आज भी पीरिड्स के दौरान पुराने कपड़े, प्लास्टिक, मिट्टी और राख जैसी चीजों का इस्तेमाल करती हैं. मानुषी इसी को लेकर 'शक्ति' प्रोजेक्ट के जरिए सफाई के प्रति जागरुखता फैलाने का काम कर रही हैं.
मिस वर्ल्ड पीजेंट के ब्यूटी विद ए पर्पज कंपटीशन के दौरान मानुषी ने 'शक्ति' प्रोजेक्ट प्रजेंट किया था और इसकी विजेता भी रही थीं. इस दौराम मानुषी ने पैड्स भी बनाए थे. मानुषी छिल्लर और मिस वर्ल्ड संस्था ने आकार इनोवेशंस के हाथ मिलाया है. आकार इनोवेशंस एक ऐसी संस्था है जो बहुत ही सस्ते पैड्स का निर्माण करती है. इस संस्था को कई पुरस्कार भी मिल चुके हैं.
Meet the kids from “New Light” living in the slums of Kolkata. Was greeted by such enthusiasm! It was so exciting to speak to them about school, science and many of them want to be doctors. Their curiosity was never ending and I had to face an army of questions which I enjoyed answering! Outfit - @ridhimehraofficial Jewellery - @karishma.joolry Styled by @stylestashofficial A post shared by Manushi Chhillar (@manushi_chhillar) on
इसके साथ ही आकार संस्था अशिक्षित, अकुशल और सीमांत महिलाओं और लड़कियों को पैड्स बाने की ट्रेनिंग भी देती है. ये संस्था कई मल्टीनेशनल कंपनियों, एनजीओ और राज्या सरकारों से भी जुड़ी हुई है. मानुषी इन दिनो 'शर्म से आजादी' नाम के एक टूर पर हैं जिसकी तस्वीरें वो सोशल मीडिया पर भी पोस्ट कर रही हैं.
इस टूर के तहत वो लड़कियों को पीरियड्स से जुड़े मिथ और टैब्यू के बारे में खुलकर बाते करती हैं और उन्हें जाहरुख करती हैं. मानुषी का ये टूर 1 फरवरी को शुरू हुआ था, अभी तक वो हैदराबाद, कोलकाता, सिलीगुड़ी और नाई दिल्ली में जागरुखता अभियान चला चुकी हैं. उनका 8 दिनों का ये अभियान खत्म हो चुका है.
To make the best of any opportunity in life it is important to be healthy and hygienic. Taking to the adolescent girls in Dharavi slum of Mumbai about Menstrual hygiene. There is also a sanitary pad manufacturing unit employing women of the slum and making biodegradable, compostable sanitary pads from pine wood pulp. A post shared by Manushi Chhillar (@manushi_chhillar) on