Mithun Chakraborty Struggle Days: लीजेंड्री एक्टर मिथुन चक्रवर्ती को दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से नवाजा जाएगा. मिथुन ने अपनी कड़ी मेहनत और टैलेंट के दम पर इंडस्ट्री में पहचान बनाई और ब्लॉकबस्टर फिल्में दीं. मिथुन चक्रवर्ती आज इंडस्ट्री का बड़ा नाम हैं. लेकिन एक्टर की जर्नी बिल्कुल भी आसान नहीं रही है. उन्होंने अपनी जिंदगी में बहुत दुख झेला है और इसी कारण वो नहीं चाहते की उनकी बायोपिक बने.
स्किन कलर की वजह से अपमानित हुए एक्टर
एक इंटरव्यू में मिथुन ने कहा था- 'मैं अपनी जिंदगी में जिससे गुजरा हूं, मैं नहीं चाहता था कि कोई और भी गुजरे. हर किसी ने स्ट्रगल देखा और मुश्किल के दिनों से गुजरा है. लेकिन मुझे हमेशा मेरे स्किन कलर के लिए ट्रोल किया गया. मेरे स्किन कलर की वजह से मुझे सालों तक अपमानित किया गया.'
फुटपाथ पर गुजारी रातें
अपने स्ट्रगल के दिनों के बारे में मिथुन ने बात करते हुए कहा था- 'मैंने ऐसे दिन भी देखे हैं जब मैं खाली पेट और रोते हुए सोया हूं. यहां तक कि ऐसे दिन भी होते थे जब मुझे ये सोचना पड़ता था कि मेरा अगला खाना क्या होगा और मैं कहां सोऊंगा. मैं कई दिनों तक फुटपाथ पर भी सोया हूं.'
'नहीं चाहता कभी बायोपिक बने'
इन्हीं सब कारणों से एक्टर नहीं चाहते कि उनकी कभी बायोपिक बने. मिथुन ने कहा था, 'इसी कारण से मैं नहीं चाहता कि मेरी बायोपिक कभी बने! मेरी कहानी कभी किसी को इंस्पायर नहीं करेगी, ये उन्हें मेंटली तोड़कर रख देगी. साथ ही लोगों को सपनों पूरी करने से हतोत्साहित करेगी. मैं नहीं चाहता कि ऐसा हो. मैं अगर कर सकता हूं तो कोई भी कर सकता है. मैंने इंडस्ट्री में खुद को साबित करने के लिए बहुत लड़ाई लड़ी है. मैं इसलिए लीजेंड्री नहीं हूं क्योंकि मैंने हिट फिल्में दी हैं, मैं लीजेंड हूं क्योंकि मैंने जिंदगी के दुख और स्ट्रगल को पार कर लिया है.'
बता दें कि मिथुन ने छोटे रोल्स से शुरुआत की और फिर लीड हीरो बने. उन्होंने त्रिनेत्र, अग्निपथ, जोर लगा के हैय्या, ऐलान, मुझे इन्साफ चाहिए, हम से है जमाना, कसम पैदा करने वाले की जैसी कई हिट फिल्में दी हैं.