Zahur Khayyam Unknown Facts: उनके गाने आज भी हर किसी को झूमने के लिए मजबूर कर देते हैं, लेकिन वह तो बचपन से ही एक्टर बनना चाहते थे. हालांकि, उनकी यह ख्वाहिश कभी पूरी नहीं हो सकी. हम बात कर रहे हैं मोहम्मद जहूर हाशमी यानी खय्याम की, जिन्होंने साल 2019 में आज ही के दिन यानी 19 अगस्त को इस दुनिया को अलविदा कह दिया था. आइए आपको खय्याम की जिंदगी के उन किस्सों से रूबरू कराते हैं, जो आपने शायद ही सुने होंगे. 


बचपन से ही था फिल्मों का शौक


जब खय्याम काफी छोटे थे, उस दौरान ही वह फिल्मों के शौकीन हो गए थे. इसी शौक की वजह से वह संगीत सीखने के लिए दिल्ली आ गए, जिसके बाद उन्होंने मुंबई की राह पकड़ ली. दरअसल, खय्याम ने अपने म्यूजिक करियर की शुरुआत महज 17 साल की उम्र में कर दी थी. उनकी पहली फिल्म फुटपाथ थी, जिसके बाद वह आखिरी खत, कभी कभी, त्रिशूल, नूरी, बाजार, उमराव जान आदि फिल्मों में अपने शानदार संगीत के माध्यम से छा गए. 


सिंगर बनने से पहले फौजी थे खय्याम


आपको यह जानकर हैरानी होगी कि सिंगर बनने से पहले खय्याम फौजी थे. हुआ यूं था कि जब द्वितीय विश्व युद्ध छिड़ा, तब सेना में भर्ती शुरू हुई थी. उस दौरान खय्याम ने भी सेना जॉइन कर ली और द्वितीय विश्व युद्ध में अंग्रेजों के लिए जंग भी लड़े. हालांकि, महज दो साल बाद ही उन्होंने आर्मी छोड़ दी थी और सिनेमा का सफर शुरू कर दिया. 


हमेशा के लिए अधूरा रह गया यह सपना


बता दें कि खय्याम बचपन से ही एक्टर बनना चाहते थे. अपने इस सपने को पूरा करने के लिए वह मुंबई पहुंच गए. बतौर एक्टर उन्होंने साल 1948 के दौरान एसडी नारंग की फिल्म ये है जिंदगी में काम किया था. हालांकि, उनका यह प्रयोग सफल नहीं रहा. इसके बाद खय्याम संगीत की दुनिया में उतर गए. 


बेहद दिलदार थे खय्याम


संगीत की दुनिया में नाम कमाने वाले खय्याम दिलदार भी थे. साल 2016 के दौरान अपने 90वें जन्मदिन पर उन्होंने 10 करोड़ रुपये दान कर दिए थे, जो उनकी संपत्ति का 90 फीसदी हिस्सा था. जिंदगी के आखिरी दौर में खय्याम उम्र संबंधित कई बीमारियों से जूझ रहे थे. 28 जुलाई 2019 के दौरान उन्हें मुंबई के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां 19 अगस्त 2019 के दिन उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया.


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