Monday Motivation: बॉलीवुड इंडस्ट्री में कभी अच्छे एक्टर्स का अकाल नहीं रहा. दशक 50 का रहा हो 90 का, एक से बढ़कर एक अच्छे कलाकारों की लंबी फेहरिस्त रही है इंडस्ट्री के पास. बॉलीवुड हमेशा पुरुष प्रधान माना जाता रहा है, तो मेल एक्टर्स की कोई कमी नहीं रही.


लेकिन इन सबके बीच ऐसी फीमेल एक्टर्स भी अपने पांव जमाने में कामयाब रहीं, जो जिस भी फिल्म में आईं बस एक याद छोड़ गईं. इन फीमेल एक्टर्स में शबाना आजमी, स्मिता पाटिल और तब्बू जैसे तमाम नाम हैं. जिन्होंने मास मसाला से लेकर आर्ट सिनेमा तक हर जगह अपनी छाप छोड़ी.


हाल-फिलहाल में भी ऐसी तमाम एक्ट्रेस हैं, जिन्हें उनकी एक्टिंग स्किल की वजह से जाना जाता है. बात दीपिका पादुकोण की हो या आलिया भट्ट की. करीना से लेकर प्रियंका तक सबने कई मुश्किल रोल्स कर खुद को साबित किया है. 


हालांकि, कुछ ऐसी एक्ट्रेसेस भी हैं जो हो सकता है स्टारडम के मामले में इन एक्ट्रेसेस के बराबर न पहुंच रही हों. फिर भी वो डायरेक्टर्स, प्रोड्यूसर्स से लेकर दर्शकों के बीच खुद को साबित करने में कामयाब रही हैं. यही वजह है कि न तो इनके पास प्रोजेक्ट्स की कमी है और न ही दर्शकों के बीच ये किसी पहचान की मोहताज हैं.




ऐसी ही एक्ट्रेसेस में से एक हैं मोना सिंह, जिनके जैसा कोई नहीं
हाल में ही आई हॉरर कॉमेडी 'मुंज्या' के सुपरहिट होने के बाद एक बार फिर से सबकी निगाहें मोना सिंह पर जाकर टिक गई हैं. इस फिल्म में उन्हें पहली बार कॉमेडी करते देखा गया है. मोना सिंह ने साल 2003 में 'जस्सी जैसी कोई नहीं' टीवी शो से अपने करियर की शुरुआत की थी.


इस शो के लिए उन्हें अवॉर्ड और प्यार दोनों मिले. इसके बाद उन्होंने टीवी डेब्यू के 6 साल बाद '3 इडियट्स' से बॉलीवुड डेब्यू किया. स्क्रीनटाइम कम था, लेकिन जितना था उतने के लिए उन्हें याद किया गया.


21 साल का लंबा करियर साबित करता है देर से आए लेकिन दुरुस्त आए
साल 2024 मोना सिंह के करियर का 21 वां साल है. उन्हें पहचान मिलने में थोड़ी देर तो जरूर लगी. लेकिन उन्होंने न तो मेहनत में कोई कोताही की और न ही अपने आपको साबित करने में. इस दौरान वो टीवी शो और ओटीटी की मदद से खुद को साबित करने में लगी रहीं.


क्यों लंबी दूरी तय कर पाईं मोना सिंह
मोना सिंह ने एबीपी न्यूज के एंटरटेनमेंट डेस्क से हाल में ही एक इंटरव्यू के दौरान इस बारे में बताया कि क्यों वो 21 साल से टिकी हुई हैं. उन्होंने कहा, ''अच्छी चीजें होने में टाइम लगता है. इसलिए जरूरी है कि आप पेशेंस बनाए रखें, वरना आप बहुत जल्द बाहर हो जाएंगे. मुझे इतना प्यार सिर्फ इसलिए मिल रहा है क्योंकि मैंने एक्सक्लूजिविटी बनाए रखी.''






'कंफर्ट जोन में रहना होता है हार्मफुल'
मोना सिंह कहती हैं, ''इतनी लंबी दूरी तय करने की एक वजह ये भी है कि मैंने खुद को कंफर्ट जोन में नहीं रखा. मैंने खुद को कभी रिपीट भी नहीं किया. क्योंकि ये बोरिंग होता है.''


जितने किरदार उतने रंग मोना सिंह के
'3 इडियट्स' में लेबर पेन के दौरान आमिर खान को तमाचा मारने वाले सीन से लेकर 'काला पानी' की अक्खड़ सी दिखने वाली डॉक्टर सौदामिनी सिंह के रोल तक, मोना सिंह ने खुद को हर बार ऐसे साबित किया है. मानो वो रोल सिर्फ उनके लिए ही लिखा गया हो.


एबीपी न्यूज से खास बातचीत में जब हमने उनसे अलग-अलग रोल्स को लेकर पूछा कि वो कैसे हर रोल को अलग तरह से निभा पाती हैं, तो मोना सिंह कहती हैं, ''उनका सौदामिनी सिंह वाला रोल उनके लिए किसी हीरो के रोल से कम नहीं था. इसमें इतना कुछ करने के लिए था. वो मेरे लिए हीरो वाला रोल था.''


'मेड इन हेवेन' में पहले से ही कई किरदारों को निभाते कई बड़े-बड़े एक्टर्स नजर आ चुके हैं. ऐसे में जब इसका दूसरा सीजन आया तो इसमें एक किरदार बुलबुल जौहरी का भी आया. इस किरदार को मोना सिंह ने कुछ ऐसा निभा दिया कि उन्हें लेकर एक बार फिर से मीडिया के गलियारों में चर्चा होने लगी.


मोना सिंह ने वो किया जो जरूरी था
बात ये है कि हर किरदार में खुद को फिट बिठाने के लिए मोना सिंह ने जो कुछ जरूरी था वो किया. उन्होंने 16 किलो वजन भी कम किया. क्योंकि उनका मानना है कि हेल्थ जरूरी है. हमसे बातचीत में उन्होंने कहा, ''सबसे जरूरी हेल्थ है. वरना क्या फायदा कि आप जो कमा रहे हो, उसे एक उम्र के बाद अपनी बीमारी सही करने में लगाओ. इसलिए मैं अपनी हेल्थ का भी ध्यान रखती हूं.


ऐसे ही नहीं तब्बू से किया जाता है कंपेयर
तब्बू बॉलीवुड की मेरील स्ट्रीप बोली जाती हैं. उनके किरदारों और एक्टिंग की चर्चा फॉरेन मीडिया भी कई बार कर चुकी है. उन्हें हॉलीवुड की दिग्गज एक्ट्रेस मेरील स्ट्रीप से भी कंपेयर किया जाता है. इस बात की बानगी मकबूल, हैदर जैसी फिल्मों में उनके किरदार देते भी हैं.


जैसे तब्बू मास मसाला से लेकर ऑफबीट फिल्मों की हीरोइन हैं. बिल्कुल उसी रास्ते में मोना सिंह भी चलती हुई नजर आ रही हैं. उन्होंने जस्सी से लेकर सौदामिनी सिंह और बुलबुल जौहरी जैसे अलग-अलग किरदार निभाकर ये बता भी दिया है कि उनके जैसी सिर्फ वो ही हैं. यही वजह है कि उनकी तुलना तब्बू से भी की जाने लगी है.


कंटेंट की क्वीन बनती जा रही हैं मोना सिंह
ओटीटी के आने के बाद उनकी जैसी एक्ट्रेस के लिए रास्ते और खुल गए हैं. तो बस इंतजार है उनके और अलहदा किरदारों को देखने का. ये सब वो यूं ही नहीं कर पाईं. उन्होंने खुद को समर्पित किया. हेल्थ से लेकर काम को लेकर कैसा अप्रोच रखना है सब कुछ कैल्कुलेशन के साथ करके उन्होंने खुद को ऑफबीट कंटेंट की क्वीन बना दिया है.


ऐसा नहीं है कि उन्हें दिक्कतें नहीं आईं. उन्होंने खुद के साथ हुए कास्टिंग काउच जैसे मामले पर भी खुलकर कई बार बोला है. लेकिन दिक्कतें आती रहीं और वो बढ़ती रहीं. बेशक ये करने में दो दशक का समय लग गया लेकिन खुद को एक ऐसी अभिनेत्री के तौर पर पेश करने में सफल हुईं कि स्क्रीन में उनके आते ही दर्शकों की आंखों में चमक आ जाती है.


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