मुंबई : रवीना टंडन, बोमन ईरानी और अरशद वारसी जैसे मशहूर कलाकारों ने मां को एक बच्चे की प्रेरणा, एक खास शख्सियत और अपनी दुनिया बताते हुए मातृ दिवस (मदर्स डे) पर उन्हें सलाम किया है. मदर्स डे इस साल रविवार को मनाया जाएगा. बॉलीवुड हस्तियों ने कुछ इस अंदाज में अपनी माताओं को याद किया है...
रवीना टंडन : चार बच्चों की मां होने के अनुभव ने मुझे खुद के बारे में और जिंदगी के बारे में बहुत कुछ सिखाया है. इसने मुझे मेरी ताकत और किसी भी चुनौतीपूर्ण परिस्थिति को संभालने की क्षमता से वाकिफ करवाया. इस ताकत ने मुझे मजबूत, प्यारे, आत्मनिर्भर और खुशहाल बच्चों की परवरिश करने में मदद की, जो अपने सपनों को पूरा करने में सक्षम हैं.
अरशद वारसी : मेरे लिए हर दिन मदर्स डे है. मैंने बहुत छोटी उम्र में ही अपने माता-पिता को खो दिया था, इसलिए मेरे लिए यह बहुत मायने रखता है. मैं बोर्डिग स्कूल में पढ़ता था, इसलिए मैं अक्सर उनसे मिल भी नहीं पाता था, यह मुझे खालीपन का अहसास कराता था, वहीं दूसरी ओर मेरे बच्चे पूरे उत्साह के साथ मदर्स डे मनाते हैं. वे मेरी पत्नी के लिए कार्ड बनाते हैं और भी बहुत कुछ करते है. माताएं मेरी लिए बहुत मायने रखती हैं.
बोमन ईरानी : मेरी मां मेरी दुनिया है वह मेरी ताकत रही हैं और जीवन के हर पड़ाव पर उन्होंने मुझे प्रोत्साहित किया है..चाहे वह शिक्षा से लेकर मेरे अभिनेता बनने का सफर रहा हो..आज मैं जो भी हूं, उनकी बदौलत हूं. जब भी मुझे किसी की सहायता की जरूरत पड़ती है तो वह आज भी मेरा मार्गदर्शन करती हैं. उनके साथ मैं आज भी बच्चे जैसा, युवा और ऊर्जावान महसूस करता हूं.
आदित्य नारायण : मेरी मां मेरी दोस्त हैं और मुझे कई चीजों के लिए उन्हें धन्यवाद देना है. वह ऐसी शख्स हैं, जिनसे मेरे पूरे परिवार को मजबूती मिलती है. हम अक्सर उनके प्रति अपने प्यार और आदर को जाहिर करना भूल जाते हैं, लेकिन लोगों को प्यार देने की बातें उनसे ही सीखी हैं. मुझे नहीं लगता कि मां के असीम विश्वास के बिना मेरे पिता (उदित नारायण झा) सफलता हासिल कर पाते.
नेहा कक्कड़ : मेरी मां मेरी ताकत और चमकता सितारा हैं, जिन्होंने मुश्किल समय में हम सबका मार्गदर्शन किया है. सोनू, टोनी और मैं आज जो कुछ भी हूं, वह हम अपनी मां के प्यार, प्रेरणा और निरंतर विश्वास की बदौलत हैं.
दिशा परमार : अपने बच्चों के लिए मां का निस्वार्थ प्यार खूबसूरत और खास होता है. हमारे जीवन में मां की अहमियत को शब्दों से बयां नहीं किया जा सकता. एक मां हमारी दोस्त, फिलॉसफर और मार्गदर्शक होती है.
प्रिया गौर : मेरी मां उपहार लेने में यकीन नहीं रखती हैं, उनका मानना है कि उनके बच्चों को मेहनती होना चाहिए और उन्हें जीवन में कुछ हासिल करना चाहिए. उन्हें लगता है कि यह उनके लिए सबसे शानदार उपहार होगा.