कोलकाता: मशहूर फिल्मकार मृणाल सेन के निधन पर रविवार को देशभर में शोक का माहौल रहा. राजनेताओं से लेकर नामी-गिरामी हस्तियों ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी. दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित फिल्मकार मृणाल सेन 95 साल के थे. दक्षिण कोलकाता स्थित उनके आवास पर रविवार दिन के करीब 10 बजे उनका निधन हो गया. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर शोक जताया. कोविंद ने समाज के मर्म और संवदेना के चित्रण के लिए उनको याद किया.
राष्ट्रपति ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर कहा, "प्रख्यात फिल्मकार मृणाल सेन के निधन के बारे में जानकर दुख हुआ. भुवन शोम से लेकर कलकत्ता ट्रिलोजी तक समाज की असलियत का मार्मिक और संवदेनशील चित्रण करने की अपनी क्षमता से वह हमारे जमाने के उत्कृष्ट इतिहासकार बन गए. उनके निधन से बंगाल, भारत और सिनेमा जगत को क्षति हुई है."
मोदी ने कहा कि कुछ सबसे यादगार फिल्म बनाने के लिए भारत सेन का आभारी है.
मोदी ने ट्वीट के जरिए कहा, "हमारा देश मृणाल सेन का आभारी है, जिन्होंने हमें कुछ सबसे यादगार फिल्में दी. फिल्मों में उन्होंने जिस कौशल और संवदेनशीलता का परिचय दिया वह प्रशंसनीय है. उनके कार्य की सराहना सभी पीढ़ियां करती हैं. उनके निधन से दुख हुआ. मेरी संवदेना उनके परिवार और प्रशंसकों के साथ है."
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि सेन की निधन फिल्म जगत के लिए अपूरणीय क्षति है.
मेगास्टार अमिताभ बच्चन ने ट्वीट के जरिए कहा, " सिनेमा के अत्यंत सौम्य, उत्कृष्ट और सृजनशील चिंतक, सत्यजीत रे और ऋत्विक घटक के समकालीन मृणाल सेन नहीं रहे. मैंने अपना पहला वोइसओवर उनकी फिल्म भुवन शोम में किया था. प्रार्थना और सांत्वना."
पद्म भूषण से सम्मानित फिल्मकार के साथ काम करने का मौका पाने वाले बंगाल के अनेक मशहूर अभिनेताओं, फिल्मकारों और तकनीशियनों ने उनको पथप्रदर्शक बताया.
फिल्मकार लंबे समय से बीमार थे. देश के सर्वोच्च फिल्म सम्मान, दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित सेन ने साल 1955 में फिल्म 'रात भोरे' के निर्देशन के साथ सिनेमा की दुनिया में कदम रखा था. इसमें उत्तम कुमार मुख्य भूमिका में थे. उन्हें 'नील आकाशेर नीचे', 'पदातिक', 'भुवन सोम' और 'एक दिन प्रतिदिन' जैसी फिल्मों के लिए पहचाना जाता है.