Mukesh Khanna Slams Kalki 2898 AD: प्रभास स्टारर फिल्म 'कल्कि 2898 एडी' बॉक्स ऑफिस पर खूब कमा रही है. फिल्म को दर्शकों का मिला-जुला रिस्पॉन्स मिल रहा है. इस बीच टीवी के शक्तिमान और बॉलीवुड एक्टर मुकेश खन्ना 'कल्कि 2898 एडी' देखकर मेकर्स पर भड़क गए हैं. उन्होंने मेकर्स पर माइथोलॉजी बदलने की कोशिश करने का आरोप तक लगा दिया है.
मुकेश खन्ना ने अपने यूट्यूब चैनल पर 'कल्कि 2898 एडी' के बारे में बात करते हुए एक लंबा वीडियो पोस्ट किया है. इसमें उन्होंने फिल्म के स्टार्स, खासकर अमिताभ बच्चन की एक्टिंग की तारीफ की. इसके बाद उन्होंने कहा- 'एक बात जो मुझे परेशान कर रही है वो ये है कि उन्होंने फिल्म में माइथोलॉजी को बदलने की कोशिश की है.'
भगवान कृष्ण और अश्वत्थामा के सीन पर उठाए सवाल
मुकेश आगे कहते हैं- 'शुरुआत में आप देखते हैं कि भगवान कृष्ण आते हैं और अश्वत्थामा के माथे की मणि लेते हैं, वो ये बताते है कि वो भविष्य में मेरा रक्षक होगा. लेकिन भगवान कृष्ण ने ये कभी नहीं कहा. मैं मेकर्स से पूछना चाहता हूं, आप व्यास मुनि से ज्यादा जानने का अंदाजा कैसे लगा सकते हैं, जिन्होंने कहा कि जो यहां मौजूद नहीं है वो कहीं और मौजूद नहीं हो सकता? क्या ये कृष्ण नहीं थे जिन्होंने अश्वत्थामा की 'मणि' हटा दी थी?'
'मैं बचपन से ही महाभारत पढ़ता आ रहा हूं...'
एक्टर यहीं नहीं रुके, उन्होंने आगे कहा- 'मैं बचपन से ही महाभारत पढ़ता आ रहा हूं. मैं आपको बता सकता हूं कि ये द्रौपदी ही थी जिन्होंने निर्देश दिया था कि उसकी 'मणि' को हटा दिया जाना चाहिए, क्योंकि उसने उसके सभी पांच बच्चों को मार डाला था. मैं इस कहानी को इतने विस्तार से इसलिए बता रहा हूं क्योंकि मुझे समझ नहीं आता कि कृष्ण अश्वत्थामा को भविष्य में कल्कि के रूप में उनकी रक्षा करने का आदेश कैसे दे सकते हैं? कृष्ण जैसा शक्तिशाली व्यक्ति अश्वत्थामा जैसे व्यक्ति से अपनी रक्षा करने के लिए कैसे कह सकते हैं?'
'जो लिबर्टी ली हैं वे माफी के काबिल नहीं हैं'
मुकेश खन्ना ने आगे मेकर्स की लिबर्टी लेने के लेवल पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा- 'आपने जो लिबर्टी ली हैं वे माफी के काबिल नहीं हैं. हमें लगता है कि साउथ फिल्म मेकर हमारी परंपराओं की ज्यादा इज्जत करते हैं, लेकिन अब क्या हुआ?'
भारत सरकार से मुकेश खन्ना की अपील
इसके बाद मुकेश खन्ना ने भारत सरकार से एक खास अपील भी कर डाली. उन्होंने कहा- 'मैं सरकार से कहना चाहूंगा कि एक कमिटी बनाई जाए जो रामायण, गीता और दूसरे माइथोलॉजिकल टॉपिक पर बन रही फिल्मों की देखरेख कर सके और जरूरत पड़ने पर फिल्म की स्क्रिप्ट को काबू कर सके.'