Mumtaaz: 80 के दशक की सबसे चर्चित और डिमांडिंग अदाकारा मुमताज के लोग आज भी दीवाने हैं. उन्होंने अपनी शानदार अदाकारी और बेमिशाल खूबसूरती से दर्शकों को अपना दीवाना बना दिया था. एक दौर था, जब हिंदी सिनेमा पर उनके नाम का डंका बजता था.
जब मुमताज को मिला था 'बी-ग्रेड' हीरोइन का टैग
लेकिन यहां तक का सफर उनके लिए आसान नहीं था. जी हां, फिल्मों में अपनी पहचान बनाने से पहले मुमताज को बी-ग्रेड हीरोइन का टैग दिया गया था. इस बात का खुलासा खुद अभिनेत्री ने किया है. डॉन न्यूज संग बातचीत के दौरान मुमताज ने कहा कि मैंने अपने करियर के शुरुआती दौर में छोटे-छोटे रोल किए थे, जिस वजह से इंडस्ट्री में मुझे ये टैग दिया गया. लेकिन मैं चुपचाप अपना काम करती गई यह सोचकर की भगवान एक दिन न्याय जरूर करेंगे.
साथ काम नहीं करते थे बड़े हीरो
मुमताज ने आगे ये भी कहा कि मेरे साथ कोई भी हीरो काम नहीं करना चाहता था. लेकिन मैं एक्टर्स को दोषी नहीं ठहराना चाहूंगी क्योंकि हर कोई अपने करियर में सफलता की सीढ़ियां चढ़ना चाहता है. मेरी ही शुरुआत गलत थी.
फिर इस एक्टर ने बदल डाली किस्मत
लेकिन फिर महबूब साहब की नजर मुझपर पड़ी. उन्होंने मेरी एक फिल्म का सीन दिलीप कुमार को दिखाया और उनसे पूछा कि क्या वह इस एक्ट्रेस के साथ काम करना चाहेंगे? उन्होंने मुरे तारीफ करते हुए कहा कि लड़की बहुत अच्छी है.आगे कहा कि दीलिप कुमार मेरे साथ काम करने के लिए तैयार हो गए थे. हम दोनों को 'राम और श्याम' के लिए साइन किया गया था. लेकिन जब ट्रायल शॉट दिया तो दिलीप कुमार ने महबूब से इस बात को लेकर चिंता जताई थी कि उनकी और मेरी उम्र में काफी अंतर है. हांलाकि, बाद में वो राजी हो गए.
मुमताज ने अपने करियर से लिया ये सबक
मुमताज ने आगे बताया कि जब मैं एक सफल अभिनेत्री बनी तो मैंने कभी भी किसी एक्टर के साथ काम करने से मना नहीं किया. मैं हमेशा अपने उस दौर के बारे में सोचती थी जब कोई मेरा साथ काम करने को तैयार नहीं था. वहीं जब मुझे भगवान ने इस लायक बनाया तो मैंने कभी एक्टर्स के बीच भेदभाव नहीं किया. मैं यही सोचती थी कि अगर मेरे में क्षमता है तो, मैं इस चीज को दोहराना नहीं चाहूंगी, जो मेरे साथ हुआ. मैं सबके साथ काम करने के लिए तैयार थी. अगर एक्टर अच्छा नहीं होगा तो उन्हें आगे चलकर काम नहीं मिलेगा. अच्छा होगा तो और काम मिलेगा."