Murad: हिंदी सिनेमा में सितारे अलग-अलग भूमिकाएं निभाना पसंद करते हैं और टाइपकास्ट होने से परहेज करते हैं. लेकिन बॉलीवुड में एक ऐसा एक्टर था जिसने 300 फिल्में की और सभी फिल्मों में एक जैसे ही किरदार निभाए. इस अभिनेता की कई फिल्में हिट भी रहीं लेकिन इन्हें कभी लीड रोल निभाने का मौका नहीं मिला. वहीं इस अभिनेता का बेटा बॉलीवुड का खूंखार विलेन बनकर फेमस हुआ. चलिए जानते हैं आखिर ये एक्टर कौन थे?
वह अभिनेता जिसने 300 फिल्मों में एक ही भूमिका निभाई
हम जिस दिग्गज अभिनेता की बात कर रहे हैं वो कोई और नहीं हामिद अली मुराद थे. मुराद का जन्म 1911 में रामपुर में हुआ था. 1940 के दशक में जब उन्होंने फिल्मों में अपना करियर शुरू किया तो उन्हें सिर्फ मुराद के नाम से जाना जाने लगा. 1943 से 90 तक अपने फिल्मी करियर में मुराद ने 500 से ज्यादा फिल्मों में ज्यादातर कैरेक्टर रोल भी प्ले किया. उन्हें कानूनी अधिकारियों, खास तौर पर एक जज की भूमिका निभाने के लिए जाना जाता था. इस भूमिका को उन्होंने 300 से ज्यादा फिल्मों में दोहराया.
कभी नहीं मिला लीड रोल
मुराद ने फिल्मों में पुलिस कमिश्नर या सम्राट जैसे रोल भी निभाए. मुराद अंदाज़, आन, देवदास, मुगल-ए-आजम, यादों की बारात, मजबूर, कालिया और शहंशाह जैसी कई हिट फिल्मों में दिखाई दिए. हालाकि, मुराद को हमेशा उनकी सभी फिल्मों में सपोर्टिंग एक्टर के रोल मिलने का अफसोस रहा . वे, कभी भी लीड रोल में नजर नहीं आए. उनकी आखिरी भूमिका 1990 में रिलीज़ प्यार के नाम कुर्बान में थी.
लेखक बनना चाहते थे लेकिन बन गए फिल्म स्टार
मुराद का जन्म रामपुर में हुआ था. उस दौरान ये ब्रिटिश भारत का हिस्सा था और उस पर रामपुर के नवाब का शासन था. मुराद ने नवाब के खिलाफ एक जुलूस में भाग लिया था जिसके कारण उन्हें और उनके परिवार को जान का खतरा हो गया था. परिवार 24 घंटे से भी कम समय में रामपुर से भाग गया और मुंबई पहुंच गया.यहां वे मेहबूब खान से मिले और उन्होंने उन्हें एक स्क्रिप्ट सुनाई. मुराद एक लेखक बनना चाहते थे, लेकिन महबूब ने उनसे अभिनेता बनने की रिक्वेस्ट की और इस तरह मुराद एक फिल्म स्टार बन गये. मुराद के बेटे रज़ा मुराद खुद एक सफल और पॉपुलर अभिनेता हैं, उन्होंने पिछले 40 वर्षों में सौ से ज्यादा फिल्मों में काम किया है, मुराद का 1997 में 85 वर्ष की आयु में निधन हो गया था.