मशहूर संगीतकार खय्याम की तबीयत बिगड़ी, अस्पताल में भर्ती, हालत चिंताजनक
सीने में संक्रमण और न्यूमोनिया की शिकायत के चलते 92 साल के खय्याम को मुम्बई के सुजय अस्पताल में भर्ती कराया गया है. उन्हें आईसीयू में रखा गया है और उनकी हालत चिंताजनक, मगर स्थिर बनी हुई है.
मुम्बई : खय्याम के नाम से जाने जानेवाले मशहूर संगीतकार मोहम्मद जहूर खय्याम हाशमी की तबीयत इन दिनों काफी नासाज चल रही है. सीने में संक्रमण और न्यूमोनिया की शिकायत के चलते 92 साल के खय्याम को मुम्बई के सुजय अस्पताल में भर्ती कराया गया है. उन्हें आईसीयू में रखा गया है और उनकी हालत चिंताजनक, मगर स्थिर बनी हुई है.
खय्याम के बेहद करीबी माने जानेवाले गजल गायक तलत अजीज ने एबीपी न्यूज से इस खबर की पुष्टि करते हुए बताया कि पिछले रविवार यानि 28 जुलाई को अचानक से वो अपने घर में गिर पड़े थे और फिर फौरन उन्हें सुजय अस्पताल ले जाया गया था. डॉक्टर ने उन्हें फेफड़ों में गहरे संक्रमण से ग्रस्त बताया. तब से ही स्पेशलिस्ट डॉक्टर की देखरेख में उन्हें आईसीयू में रखा गया है.
तलत अजीज ने बताया कि फिलहाल उनकी हालत स्थिर है, मगर डॉक्टरों ने 10 दिनों से चल इलाज के बाद भी अब तक ये नहीं बताया है कि आखिर उन्हें अस्पताल से कब छुट्टी मिलेगी. उनका इलाज कर रहे डॉक्टर के मुताबिक, खय्याम की तबीयत को देखते हुए फिलहाल उन्हें अस्पताल से छुट्टी नहीं दी जा सकती है.
तलत अजीज ने भावुक होते हुए कहा, "आप सब भी खय्याम साहब के लिए दुआ कीजिए कि वो जल्द से जल्द अस्पताल से घर आ जाएं."
पंजाब के राहों गांव में जन्मे खय्याम ने बतौर संगीतकार अपने करियर की शुरुआत 1953 में की थी. इसी साल आई उनकी फिल्म 'फिर सुबह होगी' से उन्हें बतौर संगीतकार पहचान मिली.
गौरतलब है कि खय्याम को हमेशा से ही एक चूजी किस्म का संगीतकार माना जाता रहा है. चार दशक के करियर में उनकी पहचान बेहद कम मगर उम्दा किस्म का संगीत देनेवाले संगीतकार के रूप में बनी.
2007 में उन्हें संगीत नाटक अकादमी अवॉर्ड तो वहीं 2011 में उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण से नवाजा जा चुका है. फिर सुबह होगी के अलावा जिन फिल्मों में उनके संगीत की काफी चर्चा हुई, उनमें कभी कभी, उमराव जान, थोड़ी सी बेवफाई, बाजार, नूरी, दर्द, रजिया सुल्तान, पर्वत के उस पार, त्रिशूल जैसी फिल्मों का शुमार है.
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