बीते दिनों कैंसर से जूझ रही नफीसा अली ने हाल में खुद के कैंसर फ्री होने की बात कही है. उनका कहना है कि वो पूरी तरह कैंसर फ्री हो गई हैं. इसी दौरान जूम टीवी से बात करते हुए उन्होंने कहा कि एक वक्त पर जायरा की ही तरह उन्होंने भी फिल्म इंडस्ट्री को अलविदा कह दिया था. साल 1978 में फिल्म 'जुनून' के बाद उन्होंने इंडस्ट्री को छोड़ दिया था.
नफीसा ने अपने उस दौर को याद करते हुए एक पोस्ट में लिखा, 'मुझे याद है जब मैं उम्र के उस पड़ाव में थी. मैंने काफी कम उम्र में फिल्म 'जुनून' में काम किया था और फिल्म सुपरहिट साबित हुई थी. उस वक्त मेरे पास काम के कई ऑफर्स थे. लेकिन मेरे पास परिवार का साथ नहीं था. मैं बंबई में अकेले रहती थी और काम की तलाश करती थी. मेरे पिता ने उस वक्त मुझसे कहा था कि हमारे परिवार की लड़कियां सिनेमा में काम नहीं करती. मैंने इस दबाव में आकर काम छोड़ दिया था.'
उन्होंने कहा, मुझे जायरा में अपना बीता वक्त नजर आया. जब मैं 20 साल की थी तो मैं उसी की तरह सोचने लग गई थी. मैं ये कहना चाहूंगी कि काम आपकी च्वाइस है ये आपकी आजादी है. नौजवान लोगों को कई तरह के प्रेशर घेरे रहते हैं लेकिन अगर आप इस बात को लेकर क्लियर हैं कि आप क्या चाहते हैं तो आपको उसे जरूर हासिल करना चाहिए.
नफीसा ने फिल्म इंडस्ट्री छोड़ने के करीब 18 साल बाद फिल्म 'मेजर साब' से अमिताभ बच्चने के साथ कम बैक किया था. उन्होंने कहा अब जब भी मैं कभी पीछे मुड़कर देखती हूं तो लगता है कि मुझे अपने पिता नहीं बल्कि अपने दिल की सुननी चाहिए थी.