Nargis Dutt Birth Anniversary: नरगिस दत्त...नाम ही काफी है पहचान के लिए. भारतीय सिनेमा के दिग्गज अभिनेत्रियों में शुमार नरगिस (Nargis Dutt) की आज 93वीं जन्मतिथि है. वह मदर इंडिया, अवारा, बरसात, काला बाजार, श्री 420, चोरी-चोरी जैसी क्लासिक फिल्मों में अपने दमदार अभिनय की बदौलत खुद को एक सफलतम अभिनेत्री के तौर पर स्थापित करने में सफल रही थीं. कमाल के अभिनय के साथ ही साथ नरगिस की खूबसूरती को कौन भूला सकता है. उनकी सादगी भरी खूबसूरती, उनके मोहक हाव-भाव आज भी उनके करोड़ों प्रशंसकों के जेहन में छाए हुए हैं. चलिए आज हम मशहूर अभिनेता सुनील दत्त (Sunil Dutt) की पत्नी और संजय दत्त (Sanjay Dutt) की मां नरगिस की जन्मतिथि पर उनके कुछ छुए-अनछुए पहलुओं से रूबरू कराते हैं और उनके यादों के सफर पर ले चलते हैं.
यूं हुई फिल्मी करियर की शुरुआत
एक जून, 1929 को तत्कालीन बंगाल प्रेसिडेंसी के कलकत्ता में जन्मी नरगिस दत्त का असली नाम फातिमा रशिद था. उन्होंने 1935 में एक बाल कलाकार के तौर पर फिल्म ‘तलाश ए हक’ से अपने करियर की शुरुआत की थी. उनकी मां जद्दनबाई ने इस फिल्म को प्रोड्यूस किया था. उस वक्त नरगिस की उम्र महज पांच वर्ष थी. हालांकि सही मायने में 1942 में फिल्म ‘तमन्ना’ से उन्होंने अपने अभिनय करियर की शुरुआत की. इसके बाद उन्होंने कभी पीछे पलट कर नहीं देखा.
जद्दनबाई थीं नरगिस दत्त की मां
नरगिस की मां जद्दनबाई भी काफी मशहूर थीं। वह फिल्म इंडस्ट्री की शुरुआती गायिका, संगीतकार, अभिनेत्री, फिल्म निर्माता और भारतीय सिनेमा के अग्रदूतों में से एक थीं. वह भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में पहली महिला संगीत निर्देशक थीं. इसके बाद सरस्वती देवी थीं. उनके बारे में यह भी बताया जाता है कि वह एक तवायफ थीं. उनके तीन बच्चे थे और तीनों के ही पिता अलग-अलग थे. नरगिस के पिता मोहन चन्द उत्तम चन्द या मोहन बाबू थे, जो बाद में इस्लाम धर्म अपना कर अब्दुल राशिद बन गए.
28 की उम्र में बनीं 'मदर इंडिया'
नरगिस ने अपने शानदार करियर में एक से बढ़कर क्लासिक फिल्में दीं। मगर ‘मदर इंडिया’ में उन्होंने अभिनय की ऐसी छाप छोड़ी कि उनका नाम ही मदर इंडिया रख दिया गया। जबकि उस वक्त वह 28 साल की थीं. यह फिल्म एकेडमिक अवॉर्ड के लिए नॉमिनेट हुई थी. यह इस प्रतिष्ठित अवॉर्ड के लिए नॉमिनेट होने वाली पहली भारतीय फिल्म थी. फिल्म में नरगिस ने अपने राधा के किरदार को इस कदर जीवंत किया कि लोगों के जेहन में वह आज भी जिंदा हैं. साल 1958 में नरगिस को बेस्ट एक्ट्रेस के लिए फिल्म फेयर अवॉर्ड से नवाजा गया.
ऐसे पड़ींं सुनील दत्त के प्रेम में
कहा जाता है कि सुनील दत्त के साथ नरगिस के रिश्ते की शुरुआत ‘मदर इंडिया’ के सेट पर ही हुई थी. दरअसल, सुनील दत्त को तो नरगिस पहले से ही पसंद थीं. ‘मदर इंडिया’ के सेट पर एक आग का सीन फिल्माया जाना था. इसके लिए चारों ओर पुआल बिछाए गए थे. जैसे ही आग लगाई गई तो देखते ही देखते आग तेजी से बढ़ गई और नरगिस लपटों में घिर गईं. सुनील दत्त ने बिना सोचे समझे अपनी जान पर खेलकर उन्हें बचाया. इस वजह से सुनील दत्त को अस्पताल में भर्ती भी करना पड़ा और यहीं से नरगिस का भी उनके प्रति झुकाव बढ़ गया. वह अस्पताल जाकर उनकी देखभाल करती थीं. बाद में दोनों ने अपने प्रेम को शादी के मंजिल तक पहुंचाया और उनके तीन बच्चे हुए. बेटे संजय दत्त और बेटियां प्रिया दत्त और नम्रता दत्त हुईं.